पहलगाम हमले के बाद भारतीय सेना ताबड़तोड़ एक्शन मोड में नजर आ रही है। जम्मू-कश्मीर में जो आतंक की फसल लहलहा रही थी। उस पर भारतीय सेना ने हार्वेस्टर चला दिया है। भारतीय सेना चुन-चुन आतंकियों के घरों का सफाया कर रही है। इसका वीडियो भी सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। जिससे आतंक को पनाह देने वालों के बीच हड़कंप मच गया है। जम्मू-कश्मीर के अधिकारियों ने जैश-ए-मोहम्मद के एक सदस्य सहित दो और संदिग्ध आतंकवादियों के घरों को जमीन में मिला दिया है। इधर NIA ने जम्मू कश्मीर पुलिस के साथ मिलकर हमले की जांच भी शुरू कर दी है।
अभी तक मिली ताजा जानकारी के मुताबिक, पिछले 72 घंटे में 9 आतंकियों के घरों का सफाया हो गया है। इन घरों को बम से उड़ा दिया गया है। दरअसल, भारतीय सेना आतंक के खिलाफ एक मुहिम शुरू कर चुकी है। जिसके तहत सेना आतंकियों के ठिकानों और उनको घरों को धाराशायी करने में लगी हुई है। सेना ने एक आतंकी के घर को आईईडी ब्लॉस्ट से उड़ा दिया है।
आतंकियों के घरों का सफाया
आतंकवादियों के घरों को तबाह करने में सुरक्षा बल के जवान जुटे हुए हैं। इनमें बांदीपुरा के नाज़ कॉलोनी का आतंकवादी जमील अहमद शीर गोजरी के घर को बम से उड़ा दिया गया है। कहा जा रहा है कि यह आतंकी साल 2016 से सक्रिय है। इसी तरह आमिर नजीर वानी के घर को बम धमाके से उड़ा दिया गया है। वानी पुलवामा के त्राल के खासीपोरा का रहने वाला है। वानी जैश-ए-मोहम्मद से साल 2024 में जुड़ा था। वहीं कई आतंकवादी गतिविधियों में भी शामिल हुआ था। ऐसे ही सेना ने कुपवाड़ा के कलारूस इलाके में रहने वाले आतंकवादी फारुक अहमद तुड़वा का घर भी ढहा दिया है। तुड़वा पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर का रहने वाला है। अधिकारियों का कहना है कि आतंकवाद से जुड़ी गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ ऐसी ही कार्रवाई जारी रहेगी।
60 से अधिक ठिकानों पर मारे गए छापे
इधर जम्मू-कश्मीर पुलिस के एक प्रवक्ता ने बताया कि शक के आधार पर जम्मू-कश्मीर में 60 से अधिक ठिकानों पर छापेमारी की गई। वहीं आस पास के जितने भी आतंकी हैं। उन सभी के घरों की तलाशी की जा रही है। ताकि उनके ओवर ग्राउंड वर्कर और उनके लोगों पर दबाव बन सके। आतंकियों को ढूंढ निकालने में मदद मिल सके। इधर जंगलों में सैनिक एनकाउंटर से भी पीछे नहीं हट रहे हैं। शुक्रवार को एक आतंकी के ढेर होने की पुष्टि हुई थी। बांदीपुरा एनकाउंटर में मारे गए आतंकी की पहचान आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के अल्ताफ लाल्ली के रूप में हुई है।