Pan-India SIR: बिहार के बाद अब पूरे देश में वोटर लिस्ट वेरिफिकेशन यानी स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) की प्रक्रिया अगले महीने शुरू होने की संभावना है। चुनाव आयोग सोमवार (27 अक्टूबर) शाम को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करेगा। इसमें देशव्यापी मतदाता सूची के वेरिफिकेशन की घोषणा किए जाने की संभावना है। पत्रकारों को भेजे गए निमंत्रण लेटर में हालांकि केवल शाम सवा चार बजे प्रेस वर्ता किए जाने का उल्लेख है। लेकिन अधिकारियों ने कहा कि यह वोटर लिस्ट के SIR के बारे में है।
निर्वाचन आयोग द्वारा आज एसआईआर के पहले चरण की घोषणा किए जाने की संभावना है। इसमें 10 से 15 राज्य शामिल होंगे। इनमें वे राज्य भी शामिल होंगे जहां 2026 में विधानसभा चुनाव होना है। तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, केरल, असम और पुडुचेरी में अगले साल चुनाव होना है।
चुनाव आयोग के सूत्रों ने बताया कि शुरुआती चरण में महाराष्ट्र जैसे राज्यों को शामिल नहीं किया जाएगा। सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के अनुसार राज्य में 31 जनवरी, 2026 तक स्थानीय निकाय चुनाव होने हैं। साथ ही बर्फबारी से प्रभावित जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, सिक्किम और लद्दाख जैसे राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को भी इसमें शामिल नहीं किया जाएगा। भारत में मतदाता सूची का आखिरी वेरिफिकेशन दो दशक पहले किया गया था।
चुनाव आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस से पहले तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने बीजेपी पर बिहार की तरह राज्य चुनावों से पहले मतदाता सूची से नाम हटाने की साजिश रचने का आरोप लगाया। उन्होंने आरोप लगाया, "इसने (एसआईआर) चुनावी राज्य बिहार में लगभग 65 लाख मतदाताओं को उनके मताधिकार से वंचित कर दिया।"
स्टालिन ने पार्टी कार्यकर्ताओं को लिखे एक पत्र में कहा, "बिहार के बाद अब देशव्यापी एसआईआर की घोषणा प्रेस कॉन्फ्रेंस में की जाएगी।" DMK और अन्य I.N.D.I.A. ब्लॉक पार्टियों ने चेतावनी दी है कि बीजेपी सरकार तमिलनाडु में भी यही दोहराने के लिए चुनाव आयोग को अपनी कठपुतली की तरह इस्तेमाल करने की कोशिश कर रही है।
DMK प्रमुख ने कहा, "BJP और उसकी सहयोगी अन्नाद्रमुक का मानना है कि अगर मजदूर वर्ग, अल्पसंख्यकों, अनुसूचित जातियों, महिलाओं और गरीबों के मतदाताओं के नाम एसआईआर के माध्यम से हटा दिए जाते हैं, तो वे जनता का सामना किए बिना जीत हासिल कर सकते हैं। लेकिन तमिलनाडु में यह गणना विफल हो जाएगी।" सूत्रों ने बताया कि प्रेस वार्ता में राष्ट्रव्यापी एसआईआर की घोषणा की जाएगी। इस दौरान चरणों की जानकारी दी जाएगी।
चुनाव आयोग के सूत्रों ने कहा कि प्रमाण के रूप में स्वीकार किए जाने वाले दस्तावेजों की लिस्ट कमोबेश बिहार जैसी ही रहेगी। यह केवल सांकेतिक होगी, संपूर्ण नहीं। आधार को केवल पहचान के प्रमाण के रूप में स्वीकार किया जाएगा। बिहार में वोटर लिस्ट के सफल एसआईआर के बाद भारतीय निर्वाचन आयोग (ECI) इसे राष्ट्रीय स्तर पर कराने की तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुटा है। इसके लिए दिल्ली में दो दिनों तक मुख्य निर्वाचन अधिकारियों (CEO) के लिए खास सेशन रखा गया।
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने सम्मेलन की अध्यक्षता की। इसमें चुनाव आयुक्त सुखबीर सिंह संधु और विवेक जोशी भी मौजूद थे। सम्मेलन में एसआईआर के लिए देशव्यापी तैयारियों की समीक्षा की गई। इस सम्मेलन में चुनाव आयोग ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य चुनाव अधिकारियों को उनके-अपने क्षेत्रों में SIR की तैयारियों को अंतिम रूप देने का निर्देश दिया। आयोग के वरिष्ठ अधिकारियों की ओर से एसआईआर प्रक्रिया पर भी प्रजेंटेशन दी गई। साथ ही मुख्य चुनाव अधिकारियों की तरफ से उठाए गए सवालों का भी समाधान किया गया।
आयोग ने पूर्व में जारी निर्देशों के तहत वर्तमान मतदाताओं का पिछली एसआईआर के वोटर्स से मिलान करने के कार्य की प्रगति का भी आकलन किया। इसके साथ ही आयोग ने असम, तमिलनाडु, पुडुचेरी, केरल और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य चुनाव अधिकारियों के साथ व्यक्तिगत रूप से भी बातचीत की।