Pamban Bridge: पीएम मोदी ने हाईटेक पंबन ब्रिज का किया उद्घाटन, जानें भारत का पहला वर्टिकल सस्पेंशन पुल क्यों है खास

प्रधानमंत्री ने शुक्रवार को एक ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर नए पंबन पुल की शुरुआत की। अब रामेश्वरम स्टेशन से तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई के लिए हर दिन चार ट्रेनें चलेंगी। इस द्वीप पर अब सिर्फ अयोध्या, वाराणसी और चेन्नई ही नहीं, बल्कि सिकंदराबाद, कन्याकुमारी, भुवनेश्वर, ओखा और फिरोजपुर कैंट जैसे दूर-दराज के शहरों से भी सीधी ट्रेनें आएंगी

अपडेटेड Apr 06, 2025 पर 3:00 PM
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न्यू पंबन ब्रिज भारत का पहला वर्टिकल लिफ्ट सी ब्रिज है।

Pamban Bridge: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रामनवमी के खास मौके पर तमिलनाडु के रामेश्वरम में ऐतिहासिक न्यू पंबन ब्रिज का उद्घाटन किया। न्यू पंबन ब्रिज भारत का पहला वर्टिकल लिफ्ट सी ब्रिज है, जो समुद्र के ऊपर बना है इस पुल के जरिए समुद्री यातायात में सुधार होगा और लोगों को यात्रा करने में भी आसानी होगी। ये ब्रिज 2.08 किलोमीटर लंबा है, इसमें 99 स्पैन और 72.5 मीटर का वर्टिकल लिफ्ट स्पैन है, जो 17 मीटर की ऊँचाई तक उठ सकता है। इसके नीचे से  पानी के जहाज़ इसके नीचे से आसानी से गुजर सकते हैं।

100 साल पुराना था पुल

तमिलनाडु में मंडपम और पंबन नाम के दो रेलवे स्टेशन हैं, जो एक-दूसरे से लगभग पाँच किलोमीटर दूर हैं। ये दोनों स्टेशन साल 1914 से ट्रेन के रास्ते जुड़े हुए हैं, उस समय अंग्रेजों ने पंबन ब्रिज बनाया था। हर दिन कुछ ट्रेनें इन स्टेशनों से होकर गुजरती थीं। लेकिन अब पंबन ब्रिज बहुत पुराना था। पिछले 100 सालों से भी ज्यादा समय तक सेवा देने के बाद, पुराने पंबन पुल को बार-बार मरम्मत और देखरेख की ज़रूरत पड़ रही थी। इसी वजह से साल 2019 में एक नया पुल बनाने का फैसला किया गया। लेकिन नया पुल बनने से पहले ही, दिसंबर 2022 में पुराने पुल को चलाने लायक नहीं माना गया और उसे बंद कर दिया गया।


पीएम ने किया उद्घाटन 

अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए पंबन पुल का उद्घाटन कर दिया है, जिससे लंबा इंतजार खत्म हो गया है। अब ट्रेनें फिर से बंगाल की खाड़ी को पार करके पंबन द्वीप पर स्थित स्टेशनों तक पहुंच सकेंगी। ट्रेन सेवा शुरू होने के बाद, रामेश्वरम स्टेशन तक लगभग 30 ट्रेनें चलने की उम्मीद है, जो हफ्ते भर में अप और डाउन यात्रा करेंगी। रामेश्वरम स्टेशन का महत्व इस बात से भी समझा जा सकता है कि यहाँ तक वाराणसी और अयोध्या जैसे दूर के शहरों से सीधी ट्रेनें आती हैं।

जब पुराना पुल बंद हुआ था, तब ये सभी ट्रेनें मंडपम स्टेशन तक ही सीमित हो गई थीं। अब नई शुरुआत के साथ, रामेश्वरम के लिए फिर से ट्रेनों का रास्ता खुल गया है।हाल ही में रामेश्वरम से तांबरम तक एक नई रोज़ाना एक्सप्रेस ट्रेन शुरू की गई है, जो अपनी यात्रा 11 घंटे 30 मिनट में पूरी करती है। इस ट्रेन की स्लीपर क्लास पहले ही पूरे हफ्ते के लिए बुक हो चुकी है, जिससे लोगों की उत्सुकता और ज़रूरत का अंदाज़ा लगाया जा सकता है।

एक नई शुरुआत की ओर

प्रधानमंत्री ने शुक्रवार को एक ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर नए पंबन पुल की शुरुआत की। अब रामेश्वरम स्टेशन से तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई के लिए हर दिन चार ट्रेनें चलेंगी। इस द्वीप पर अब सिर्फ अयोध्या, वाराणसी और चेन्नई ही नहीं, बल्कि सिकंदराबाद, कन्याकुमारी, भुवनेश्वर, ओखा और फिरोजपुर कैंट जैसे दूर-दराज के शहरों से भी सीधी ट्रेनें आएंगी।

नए ब्रिज की क्या है खासियत

नया पंबन पुल 2.08 किलोमीटर लंबा है और यह समुद्र के ऊपर से गुजरता है। इस पुल का एक खास हिस्सा ऐसा है जो देश का पहला वर्टिकल लिफ्ट सी ब्रिज (ऊपर उठने वाला समुद्री पुल) है। जब कोई जहाज इस पुल के नीचे से गुजरता है, तो पुल का 72.5 मीटर लंबा हिस्सा सीधे ऊपर उठाया जा सकता है, जो अधिकतम 17 मीटर तक ऊपर जा सकता है। नए पुल में जंग न लगने वाली (जंगरोधी) सामग्री का इस्तेमाल किया गया है। यह भी ध्यान में रखा गया है कि तेज़ हवा होने पर पुल से गुजरने वाली ट्रेनों की रफ्तार कम हो सकती है, लेकिन औसतन मंडपम से रामेश्वरम के बीच की यात्रा 15 से 20 मिनट में पूरी हो सकती है।

 लंदन के टावर ब्रिज से प्रेरणा

इस पुल का डिज़ाइन लंदन के मशहूर टावर ब्रिज से प्रेरित है। इसे बनाने में 5,800 मीट्रिक टन स्टेनलेस स्टील और 3.4 लाख सीमेंट की बोरियों का इस्तेमाल किया गया है। शुरू में पुल की लागत लगभग 280 करोड़ रुपये मानी गई थी, लेकिन बाद में यह बढ़कर 580 करोड़ और अंत में 704 करोड़ रुपये तक पहुँच गई, जिसकी जानकारी रेलवे ने रविवार को दी।

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First Published: Apr 06, 2025 2:53 PM

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