Asim Munir: 'बंकर में छिप कर खुद को बनाया फील्ड मार्शल', जानें आसिम मुनीर पर ये किसने कसा तंज

Pakistan Army chief Asim Munir : रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल केजेएस ढिल्लों ने कहा कि मुनीर ऐसे अकेले सेना प्रमुख हैं जो ऑपरेशन के वक्त बंकर में छिपे, खुद को फील्ड मार्शल तक पहुंचाया और यहां तक कि शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक में भी राष्ट्राध्यक्ष के साथ शामिल हुए।

अपडेटेड Sep 13, 2025 पर 11:25 PM
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रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल केजेएस ढिल्लों ने पाकिस्तान के सेना प्रमुख असीम मुनीर पर तंज कसी है।

Pakistan Army chief Asim Munir : रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल केजेएस ढिल्लों ने पाकिस्तान के सेना प्रमुख आसिम मुनीर पर तंज कसते हुए कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान वे बंकर में छिप गए थे और जनता की नजरों से बचने के लिए खुद को फील्ड मार्शल तक बना लिया। एएनआई को दिए इंटरव्यू में ढिल्लों ने कहा कि मुनीर ऐसे अकेले सेना प्रमुख हैं जो ऑपरेशन सिंदूर के वक्त बंकर में छिपे, खुद को फील्ड मार्शल तक पहुंचाया और यहां तक कि शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक में भी राष्ट्राध्यक्ष के साथ शामिल हुए।

पाकिस्तान में लोकतंत्र बस दिखावा 

लेफ्टिनेंट जनरल केजेएस ढिल्लों ने आगे कहा कि, आसिम मुनीर ऐसे सेना प्रमुख हैं जिन्हें अमेरिकी राष्ट्रपति ने लंच पर बुलाया। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि यह पाकिस्तान के लोकतंत्र और उसकी व्यवस्था की असलियत दिखाता है। उन्होंने ने यह भी याद दिलाया कि पाकिस्तानी सेना दुनिया की इकलौती ऐसी सेना है जिसने कोई युद्ध नहीं जीता और द्वितीय विश्व युद्ध के बाद वही एकमात्र सेना रही जिसने 93,000 सैनिकों के साथ सरेंडर किया।

बता दें कि मार्च 2020 से जनवरी 2022 तक लेफ्टिनेंट जनरल ढिल्लों रक्षा खुफिया एजेंसी (डीजी डीआईए) के महानिदेशक और चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के अधीन इंटिग्रेटेड डिफेंस स्टाफ (खुफिया) के वाइस चीफ रहे। फिलहाल वे आईआईटी मंडी के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के अध्यक्ष हैं।

20 मई को पाकिस्तानी सेना प्रमुख आसिम मुनीर को फील्ड मार्शल पद पर प्रमोट किया गया। यह फैसला उस समय आया जब भारत ने पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर हमले किए थे और सीजफायर को कुछ ही दिन हुए थे। पाकिस्तान के इतिहास में यह पद पाने वाले वह दूसरे व्यक्ति हैं। इससे पहले स्वतंत्र पाकिस्तान के पहले सेना प्रमुख और पूर्व राष्ट्रपति अयूब खान को यह रैंक मिला था। लेफ्टिनेंट जनरल केजेएस ढिल्लों ने एएनआई से कहा कि अब "नए भारत" के कदमों पर कोई सवाल नहीं उठाता। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि जब पहलगाम हमले के जवाब में भारत ने नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया, तो किसी ने भी विरोध नहीं किया। ढिल्लों ने कहा कि यह नए भारत की पहचान हैबात करना जरूरी है, लेकिन जब हाथ में ताकत हो तो सामने वाला आपकी बात और स्पष्ट तरीके से समझता है।


भारत की बढ़ती ताकत

लेफ्टिनेंट जनरल ढिल्लों ने कहा कि भारत का बढ़ता वैश्विक कद अब उसके फैसलों को और मजबूत बना रहा है। उन्होंने बताया कि हर बार जवाब देना जरूरी था और इस बार भी भारत ने सही कदम उठाया। सबसे अहम बात यह है कि आज भारत दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और जल्द ही तीसरे स्थान पर होगा। हम एक मजबूत सैन्य शक्ति भी हैं, इसलिए अब जब भारत कोई कदम उठाता है तो उस पर सवाल नहीं उठते। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि जब अमेरिका एबटाबाद में घुसकर ओसामा बिन लादेन को मारने गया, तो किसी ने उस पर सवाल नहीं किया क्योंकि अमेरिका की ताकत सब मानते हैं।

MoneyControl News

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First Published: Sep 13, 2025 11:25 PM

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