PM Modi Maldives Visit News: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मालदीव को 4,850 करोड़ रुपये ($565 million) की लोन सहायता देने की घोषणा की है। पीएम मोदी ने शुक्रवार (25 जुलाई) को कहा कि भारत को इस द्वीपीय राष्ट्र का सबसे भरोसेमंद मित्र होने पर गर्व है। उन्होंने बताया कि भारत सरकार ने मालदीव के रक्षा मंत्रालय को 72 हैवी व्हीकल उपलब्ध कराए हैं। साथ ही भारत और मालदीव ने फ्री ट्रेड एग्रीमेंट के लिए भी बातचीत शुरू करने का फैसला किया है।
राष्ट्रपति मुइज्जू के साथ वार्ता के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत और मालदीव द्विपक्षीय निवेश संधि को अंतिम रूप देने की दिशा में काम करेंगे। दोनों देशों ने शुक्रवार शाम को राजधानी माले में प्रधानमंत्री मोदी और मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू की उपस्थिति में समझौता ज्ञापनों का आदान-प्रदान किया।
PM मोदी ने यह टिप्पणी मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के साथ व्यापक वार्ता के बाद की। इसमें व्यापार, रक्षा और इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्रों में सहयोग को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित किया गया। पीएम मोदी ने यह भी घोषणा की है कि दोनों देश द्विपक्षीय निवेश संधि को अंतिम रूप देने की दिशा में काम करेंगे। उन्होंने कहा, "मुक्त व्यापार समझौते (Free Trade Agreement) के लिए बातचीत पहले ही शुरू हो चुकी है।"
प्रधानमंत्री ने कहा कि मालदीव भारत की 'पड़ोसी प्रथम' नीति और महासागर (क्षेत्रों में सुरक्षा और विकास के लिए पारस्परिक और समग्र उन्नति) दृष्टिकोण में महत्वपूर्ण स्थान रखता है। PM मोदी ने कहा कि भारत ने मालदीव को 56.5 करोड़ अमेरिकी डॉलर (4,850 करोड़ रुपये) की लोन सुविधा (Line of Credit ) देने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि रक्षा और सुरक्षा के क्षेत्र में आपसी सहयोग आपसी विश्वास का प्रमाण है। उन्होंने कहा कि भारत हमेशा मालदीव की रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने में उसका समर्थन करेगा।
पीएम मोदी शुक्रवार सुबह मालदीव की राजधानी माले पहुंचे। यहां उनका गर्मजोशी से स्वागत किया गया। खुद राष्ट्रपति मुइज्जू और उनकी सरकार के कई शीर्ष मंत्रियों ने वेलेना इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर प्रधानमंत्री का स्वागत किया। इससे माले द्वारा इस यात्रा को दिए गए महत्व का पता चलता है। कुछ घंटों बाद पीएम मोदी का प्रतिष्ठित रिपब्लिक स्क्वायर पर औपचारिक रूप से स्वागत किया गया और उन्हें 'गार्ड ऑफ ऑनर' दिया गया।
PM मोदी ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा, "राष्ट्रपति मुइज्जू द्वारा एयरपोर्ट पर आकर मेरा स्वागत करने के भाव से मैं बहुत प्रभावित हूं। मुझे विश्वास है कि भारत-मालदीव मित्रता आने वाले समय में प्रगति की नई ऊंचाइयों को छुएगी।" दोनों नेताओं ने प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता से पहले बैठक की। भारत और मालदीव के बीच मुक्त व्यापार समझौते के लिए वार्ता शुरू करने की घोषणा पर विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा, "मैं कोई सटीक समय-सीमा नहीं बता सकता... यह एक FTA है जिसे हमें शीघ्र ही पूरा कर लेना चाहिए।"
द्विपक्षीय संबंधों में यह बदलाव इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि चीन के करीबी माने जाने वाले मुइज्जू नवंबर 2023 में 'इंडिया आउट' अभियान के बल पर मालदीव की सत्ता में आए हैं। मुइज्जू के कार्यकाल के शुरुआती कुछ महीनों के दौरान उनकी नीतियों के कारण संबंधों में भारी तनाव पैदा हो गया। शपथ लेने के कुछ ही घंटों के भीतर उन्होंने अपने देश से भारतीय सैन्य कर्मियों को वापस बुलाने की मांग कर दी। इसके बाद भारत ने उनकी जगह असैन्य कर्मियों को तैनात कर दिया।
भारतीय सैन्य कर्मियों को मालदीव में दो हेलीकॉप्टरों और एक विमान के रखरखाव और संचालन के लिए तैनात किया गया था। उनका उपयोग मानवीय और बचाव कार्यों के लिए किया गया था। यह व्यापक रूप से माना जाता है कि भारत के निरंतर प्रयासों ने संबंधों को फिर से पटरी पर लाने में मदद की। उन्होंने कहा कि इसमें द्वीप राष्ट्र को उसकी आर्थिक समस्याओं से निपटने में सहायता देना भी शामिल है।