पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार लगातार एक्शन मोड में नजर आ रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को दिल्ली स्थित अपने आवास पर एक हाई लेवल सुरक्षा बैठक की। इस बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, एयर चीफ मार्शल एपी सिंह, सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी और नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी शामिल हुए। यह बैठक राजधानी के 7, लोक कल्याण मार्ग स्थित प्रधानमंत्री आवास पर हुई।
जानकारी के मुताबिक, इस बैठक में प्रधानमंत्री ने साफ शब्दों में निर्देश दिया है कि आतंकवाद को करारा जवाब देना हमारा दृढ़ राष्ट्रीय संकल्प है। इसके साथ-साथ कहा कि हमारी जवाबी कार्रवाई का तरीका क्या हो, इसके टार्गेट्स कौन से हों और इसका समय क्या हो, इस प्रकार के ऑपरेशनल निर्णय लेने के लिए सैन्य बलों को खुली छूट है।
जानकारी के मुताबिक ये बैठक, देश की ताजा सुरक्षा हालात की समीक्षा करना और पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव के बीच रणनीति तय करना था। बता दें कि यह बैठक बुधवार को होने वाली कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की अहम बैठक से पहले की गई। इससे पहले पीएम मोदी ने सऊदी अरब से लौटने के तुरंत बाद 23 अप्रैल की शाम को भी CCS बैठक की अध्यक्षता की थी।
बता दें कि इससे पहले 24 अप्रैल को बिहार के एक सार्वजनिक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहलगाम आतंकी हमले के पीछे शामिल आतंकियों और उनके समर्थकों को कड़ी सजा देने की बात कही। उनका इशारा स्पष्ट रूप से पाकिस्तान की ओर था, जो भारत में आतंकी हमलों को समर्थन देने के लिए जाना जाता है। मोदी ने कहा कि इन आतंकियों को “दुनिया के अंत तक” सजा दी जाएगी।
इससे पहले, केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन ने एक उच्च स्तरीय सुरक्षा बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें विभिन्न अर्धसैनिक बलों और सुरक्षा एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। इस बैठक में शामिल अधिकारियों में सीमा सुरक्षा बल (BSF) के डीजी दलजीत सिंह चौधरी, राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG) के डीजी ब्रिघु श्रीनिवासन, असम राइफल्स के डीजी लेफ्टिनेंट जनरल विकास लखेरा और सशस्त्र सीमा बल (SSB) की अतिरिक्त महानिदेशक अनुपमा नीलेकर चंद्रा शामिल थीं। बैठक में उन सीमावर्ती क्षेत्रों की सुरक्षा व्यवस्था पर चर्चा हुई जिनकी निगरानी ये एजेंसियां करती हैं।