Chenab Rail Bridge: लगभग दो दशकों के बाद जम्मू और कश्मीर के रियासी जिले में दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे ब्रिज लगभग बनकर तैयार हो गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन दिन बाद यानी 6 जून को जम्मू-कश्मीर में 'नायाब इंजीनियरिंग' का नमूना चिनाब ब्रिज का उद्घाटन करेंगे। दुनिया के इस सबसे ऊंचे रेलवे ब्रिज के उद्घाटन के बाद पीएम कटरा-श्रीनगर वंदे भारत ट्रेन सेवा को भी हरी झंडी दिखाएंगे। यहां से ट्रेनें जल्द ही कश्मीर की वादियों में तेज रफ्तार से दौड़ेंगी। यह रेलवे पुल 359 मीटर की ऊंचाई पर बनाया गया है और यह 1,315 मीटर लंबा है।चिनाब ब्रिज दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे आर्च ब्रिज है और यह उधमपुर-श्रीनगर-बारामुल्ला रेलवे लिंक (USBRL) परियोजना का अहम हिस्सा है।
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने मंगलवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पहले ट्विटर) पर इसकी जानकारी दी। उन्होंने लिखा, "इतिहास बन रहा है। सिर्फ 3 दिन बाकी हैं! दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे ब्रिज, शक्तिशाली चिनाब ब्रिज, जम्मू-कश्मीर में गर्व से खड़ा है। यह प्रकृति की सबसे कठिन चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार है।" यह ब्रिज न केवल तकनीकी चमत्कार है, बल्कि जम्मू-कश्मीर को शेष भारत से जोड़ने में भी एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
यह ब्रिज करीब 1.31 किलोमीटर लंबा है और इसकी ऊंचाई एफिल टॉवर से 35 मीटर ज्यादा है। यह स्टील से बना आर्च ब्रिज है, जिसका निर्माण अल्ट्रा कंस्ट्रक्शन, वीएसएल इंडिया और एफकॉन्स इंफ्रास्ट्रक्चर ने मिलकर किया है। इस परियोजना को कोंकण रेलवे कॉर्पोरेशन लिमिटेड द्वारा लागू किया गया। चिनाब ब्रिज से रियासी जिले के बक्कल और कौरी के बीच ट्रेनों की आवाजाही संभव होगी। इसके साथ ही यह ब्रिज कटरा और बनिहाल के बीच कनेक्टिविटी को भी बेहतर बनाएगा।
1,486 करोड़ की लागत से बना पुल
पहले चिनाब ब्रिज का उद्घाटन 19 अप्रैल को होना तय था, लेकिन खराब मौसम की वजह से इसे टालकर अब 6 जून 2025 को किया जाएगा। इस बारे में रेल मंत्रालय ने 16 अप्रैल को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर एक आधिकारिक जानकारी साझा की थी। 1,486 करोड़ रुपये की लागत से बना चिनाब ब्रिज कई मायनों में खास है। इसमें इस्तेमाल किया गया स्टील -10 डिग्री सेल्सियस से लेकर 40 डिग्री सेल्सियस तक के तापमान को सहन कर सकता है। यह पुल भूकंप और तेज हवाओं जैसे कठिन मौसम में भी मजबूती से खड़ा रह सकता है।