महाराष्ट्र के नागपुर में भड़की हिंसा मामले में पुलिस ने बुधवार को मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है, जिसकी पहचान फहीम खान के रूप हुई है। पुलिस का कहना है कि खान ने ही हिंसा भड़काई थी। पुलिस के अनुसार, इस हफ्ते महाराष्ट्र के नागपुर में हुए दंगों के पीछे भी यही व्यक्ति था, जहां मुगल बादशाह औरंगजेब के मकबरे को राज्य से बाहर ट्रांसफर करने की मांग को लेकर दो समुदायों के बीच झड़प हो गई थी। आरोपी खान को मंगलवार रात गिरफ्तार कर लिया गया और वे 21 मार्च तक पुलिस हिरासत में रहेगा।
फहीम खान अल्पसंख्यक डेमोक्रेटिक पार्टी के लोकल नेता है और उस शुक्रवार तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है। इस बीच, पुलिस यह भी जांच कर रही है कि "यह (हिंसा) किसी एक व्यक्ति या संगठन का कृत्य था"।
अब तक पुलिस ने छह मामले दर्ज किए हैं और 1,200 लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज की है, जिनमें से 200 से भी कम लोगों के नाम अभी तक दर्ज किए गए हैं। बाकी लोगों की तलाश की जा रही है।
CNN-News18 ने FIR के हवाले से बताया, कि फहीम खान, जो मुख्य संदिग्ध के रूप में उभरा है, उसने पहले लोगों को पुलिस स्टेशन के पास और फिर नागपुर के महल इलाके में एक मस्जिद के पास इकट्ठा होने के लिए कहा, जहां झड़पें हुईं। पुलिस झड़पों में उसकी भूमिका की जांच कर रही है।
FIR में कहा गया है कि खान के ग्रुप ने पहले गणेशपेठ पुलिस स्टेशन में एक ज्ञापन सौंपा था, जिसमें विश्व हिंदू परिषद (VHP) के कार्यकर्ताओं के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की गई थी। हालांकि, बाद में यह हिंसक हो गया।
17 मार्च के कई वीडियो में दंगाइयों को कथित तौर पर मुगल बादशाह औरंगजेब के समर्थन में नारे लगाते और उसे ‘आलमगीर हजरत’ कहते हुए दिखाया गया है। खान ने कथित तौर पर लोगों को भड़काया, हिंसा भड़काई और एक पवित्र पुस्तक का अपमान किए जाने की अफवाह फैलाने में भूमिका निभाई।