नागपुर हिंसा से जुड़े अब कई बड़े दावे सामने आए हैं। पुलिस की FIR के अनुसार, नागपुर में दंगाइयों ने 17 मार्च की झड़पों की निगरानी कर रही एक महिला अधिकारी से छेड़छाड़ करने की भी कोशिश की। FIR में कहा गया है कि भीड़ ने अन्य महिला पुलिस अधिकारियों के प्रति अश्लील इशारे और टिप्पणियां भी कीं। इसमें कहा गया है कि दंगाइयों ने पुलिस पर हमला करने और इलाके में आतंक फैलाने के लिए कुल्हाड़ी, पत्थर और पेट्रोल बम जैसे खतरनाक हथियारों का इस्तेमाल किया।
CNN-News18 ने पुलिस FIR के हवाले से बताया कि रिपोर्ट में नामजद 51 लोगों के साथ 500-600 अज्ञात लोगों को आरोपी बनाया गया है। FIR के अनुसार, हिंसा को काबू करने की कोशिश कर रही अधिकारी को गलत तरीके से छुआ गया। FIR में यह भी बताया गया है कि किस तरह पुलिस और हिंदू समुदाय के सदस्यों को गालियां दी गईं।
FIR में कहा गया है कि विश्व हिंदू परिषद (VHP) के सदस्यों ने पहले एक ‘आंदोलन’ किया, बाद में एक दूसरा ग्रुप आंदोलन में शामिल था।
हिंसा में कुछ महिला पुलिस अधिकारी घायल हो गईं, क्योंकि प्रदर्शनकारियों ने कारों और दोपहिया वाहनों पर पथराव किया।
न्यूज एजेंसी PTI ने अधिकारियों के हवाले से बताया कि झड़पें इस अफवाह के बाद शुरू हुईं कि औरंगजेब की कब्र को हटाने के लिए एक दक्षिणपंथी संगठन की ओर से किए गए आंदोलन के दौरान एक समुदाय की पवित्र पुस्तक को जला दिया गया।
एक आधिकारिक पुलिस आदेश में कहा गया है कि 17 मार्च को विश्व हिन्दू परिषद और बजरंग दल के लगभग 200 से 250 सदस्य औरंगजेब की कब्र को हटाने के समर्थन में नागपुर के महल में शिवाजी महाराज की प्रतिमा के पास इकट्ठा हुए।
प्रदर्शनकारियों ने कब्र को हटाने की मांग करते हुए नारे लगाए और गाय के गोबर से भरा एक प्रतीकात्मक हरा कपड़ा लहराया।
बाद में, शाम 7.30 बजे, लगभग 80 से 100 लोग कथित तौर पर भालदारपुरा में इकट्ठा हुए, जिससे तनाव पैदा हो गया और कानून-व्यवस्था बाधित हुई।
आदेश में कहा गया है कि इस सभा के कारण लोगों को परेशानी हुई और सड़कों पर लोगों की आवाजाही में रुकावट हुई।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने PTI को बताया, बुधवार को नागपुर में कानून-व्यवस्था की स्थिति नियंत्रण में थी, लेकिन शहर के कई संवेदनशील इलाकों में कर्फ्यू जारी है।