महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने मंगलवार को कहा कि केंद्र और राज्य में सत्ता में काबिज भारतीय जनता पार्टी (BJP) को अगर चाहे तो मुगल शासक औरंगजेब की कब्र हटा देनी चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया कि ऐसा करने से पहले उन्हें अपने सहयोगी आंध्र प्रदेश से चंद्रबाबू नायडू और बिहार से नीतीश कुमार को भी बुलाना चाहिए। ठाकरे ने नागपुर में हुई हिंसा पर मीडिया से बात करते हुए कहा, "अगर आप चाहें तो उसकी (औरंगजेब की) कब्र हटा सकते हैं, लेकिन उस दौरान चंद्रबाबू नायडू और नीतीश कुमार को भी बुलाएं।"
पूर्व मुख्यमंत्री की यह टिप्पणी BJP पर एक कटाक्ष है, जिसने केंद्र में नीतीश की जनता दल (यूनाइटेड) और नायडू की तेलुगू देशम पार्टी (TDP) के सहयोग से सरकार बनाई है। यही गठबंधन बिहार और आंध्र प्रदेश में भी है।
दोनों ही पार्टियों को धर्मनिरपेक्ष माना जाता है और आबादी के लिहाज से मुस्लिमों को अपना बड़ा समर्थक मानते हैं। दोनों ही पार्टियों ने हिंदुत्व पर भाजपा की लाइन पर चलने से इनकार कर दिया है और कई मुद्दों पर BJP के सख्त रुख के खिलाफ भी देखी जाती हैं।
ठाकरे ने आगे कहा कि इस मुद्दे पर टकराव की "कोई जरूरत नहीं" है, क्योंकि विवादित शासक की मौत 300 साल पहले हो चुकी है और उन्होंने बीजेपी को नागपुर में हुई हिंसा का कारण पता लगाने की सलाह दी।
उन्होंने कहा, "मैं मुख्यमंत्री नहीं हूं, न ही मैं गृह मंत्री हूं, मुख्यमंत्री से पूछिए कि इसके (हिंसा के) पीछे कौन है। क्योंकि वहां RSS का मुख्यालय है। यहां डबल इंजन की सरकार है... अगर डबल इंजन की सरकार विफल हो गई है, तो उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए।"
BJP पर एक और निशाना साधते हुए ठाकरे ने कहा कि औरंगजेब वास्तव में गुजरात में पैदा हुआ था। ठाकरे ने कहा, "औरंगजेब, जो गुजरात में पैदा हुआ था और छत्रपति शिवाजी महाराज को चुनौती देने के लिए महाराष्ट्र आया था, आगरा वापस नहीं लौट सका।"
नागपुर में विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल ने औरंगजेब की कब्र को राज्य से हटाने की मांग की थी, जिसके चलते विरोध प्रदर्शन के बाद हिंसक झड़प हुईं, जिसके एक दिन बाद ठाकरे का ये बयान आया है।
अधिकारियों ने बताया कि सोमवार शाम को हुए पथराव और हमलों में कई पुलिसकर्मी घायल हो गए। ताजा रिपोर्ट्स के अनुसार, कल शाम को हुए घटनाक्रम के सिलसिले में 50 से ज्यादा संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है और उनसे पूछताछ की जा रही है।
आज महाराष्ट्र विधानसभा में बोलते हुए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि हिंसा सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने का नतीजा थी और उन्होंने नागरिकों को शांत रहने और संयम बरतने की सलाह दी।
मुख्यमंत्री ने नागपुर में हिंसा और आगजनी के दोषियों के खिलाफ कार्रवाई का भी वादा किया। इस बीच, छत्रपति संभाजीनगर जिले (पहले औरंगाबाद) में भी सुरक्षा बढ़ा दी गई है, जहां औरंगजेब की कब्र है।