President Droupadi Murmu: राष्ट्रपति मुर्मू का पुर्तगाल और स्लोवाकिया का दौरा क्यों 'ऐतिहासिक' रहा? पढ़ें- बड़ी बातें
President Droupadi Murmu Visits Portugal and Slovakia : करीब तीन दशकों में भारत के राष्ट्रपति की दोनों देशों की यह पहली यात्रा थी। आखिरी बार किसी भारतीय राष्ट्रपति ने 29 साल पहले स्लोवाकिया का दौरा किया था। जबकि पुर्तगाल की यात्रा 27 साल के अंतराल के बाद हुई है
President Droupadi Murmu: राष्ट्रपति मुर्मू ने राष्ट्रपति पीटर पेलेग्रिनी के साथ स्लोवाकिया में जगुआर लैंड रोवर फैक्ट्री का दौरा किया
President Droupadi Murmu: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पुर्तगाल और स्लोवाकिया की अपनी चार दिवसीय ऐतिहासिक यात्रा समाप्त करने के बाद नई दिल्ली लौट आई हैं। पुर्तगाल और स्लोवाकिया की राजकीय यात्रा पूरी करने के बाद राष्ट्रपति मुर्मू ब्रातिस्लावा से सड़क मार्ग के जरिए विएना पहुंचीं। फिर वहां से नई दिल्ली के लिए विमान से रवाना हुईं। उनके साथ केंद्रीय मंत्री निमुबेन बांभनिया और सांसद धवल पटेल तथा संध्या रे भी थे। करीब तीन दशकों में भारत के राष्ट्रपति की दोनों देशों की यह पहली यात्रा थी। आखिरी बार किसी भारतीय राष्ट्रपति ने 29 साल पहले स्लोवाकिया का दौरा किया था। जबकि पुर्तगाल की यात्रा 27 साल के अंतराल के बाद हुई है।
विदेश मंत्रालय में सचिव (पश्चिम) तन्मय लाल ने कहा कि शिक्षा और रिसर्च के क्षेत्र में भारत और इन देशों के बीच मजबूत संबंध और सहयोग निरंतर बढ़ता हुआ देखने को मिल रहा है। उन्होंने बताया कि इस यात्रा के दौरान स्वास्थ्य और पर्यटन के क्षेत्र में सहयोग पर भी चर्चा हुई।
स्लोवाकिया की अपनी यात्रा के दौरान राष्ट्रपति ने अपने स्लोवाकिया के समकक्ष पीटर पेलेग्रिनी, प्रधानमंत्री रॉबर्ट फिको, संसद के अध्यक्ष सहित विभिन्न गणमान्य व्यक्तियों से मुलाकात की और आपसी सहयोग के कई मुद्दों पर चर्चा की।
जगुआर लैंड रोवर फैक्ट्री का किया दौरा
राष्ट्रपति मुर्मू ने राष्ट्रपति पीटर पेलेग्रिनी के साथ स्लोवाकिया में जगुआर लैंड रोवर फैक्ट्री का दौरा किया। इस दौरान वह लैंड रोवर डिफेंडर के मैन्युफैक्चरिंग प्लांट की शुरुआत की साक्षी बनीं। वह स्लोवाक गणराज्य की यात्रा करने वाली दूसरी भारतीय राष्ट्राध्यक्ष हैं। राष्ट्रपति ने प्लांट में कार्यरत भारतीय कर्मचारियों से मुलाकात की, जो उनसे मिलने के लिए लाइन में खड़े थे। आखिरी बार किसी भारतीय राष्ट्रपति ने 29 साल पहले स्लोवाकिया का दौरा किया था। मुर्मू मध्य यूरोपीय देश का दौरा करने वाली दूसरी भारतीय राष्ट्रपति हैं।
अक्टूबर 2018 में, टाटा मोटर्स के स्वामित्व वाली जेएलआर ने स्लोवाकिया के नाइट्रा में अपनी मैन्यूफैक्चरिंग सर्विस का उद्घाटन किया था। करीब 1.4 अरब यूरो के निवेश के साथ, इस प्सां
की वार्षिक उत्पादन क्षमता 1,50,000 वाहनों की है। इस प्लांट में करीब 200 भारतीय काम करते हैं, जहां डिफेंडर और डिस्कवरी मॉडल तैयार किए जाते हैं। डिफेंडर का उत्पादन केवल नाइट्रा के संयंत्र में किया जाता है और दुनिया भर में निर्यात किया जाता है।
राष्ट्रपति के दौरे की बड़ी बातें
- राष्ट्रपति पुर्तगाल और स्लोवाकिया गणराज्य की अपनी राजकीय यात्रा के पहले चरण में 6 अप्रैल, 2025 को लिस्बन पहुंचीं।
- 7 अप्रैल, 2025 को राष्ट्रपति का पुर्तगाल गणराज्य के राष्ट्रपति मार्सेलो रेबेलो डी सूसा ने लिस्बन में ऐतिहासिक 'प्राका डू इम्पेरियो' में स्वागत किया।
- राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और पुर्तगाल के राष्ट्रपति मार्सेलो रेबेलो डी सूसा ने दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों के 50 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में डाक टिकटों के विमोचन समारोह में भाग लिया।
- लिस्बन के सिटी हॉल में आयोजित एक समारोह में द्रौपदी मुर्मू को लिस्बन के मेयर से लिस्बन शहर का 'सिटी की ऑफ ऑनर' मिला।
- राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति मार्सेलो रेबेलो डी सूसा के साथ लिस्बन में चंपालिमॉड फाउंडेशन का दौरा किया।
- लिस्बन में राष्ट्रपति ने पुर्तगाल में भारत के राजदूत द्वारा आयोजित एक स्वागत समारोह में भारतीय समुदाय के सदस्यों को संबोधित किया।
- राष्ट्रपति 9 अप्रैल, 2025 को ब्रातिस्लावा पहुंचीं। यह 29 वर्षों में किसी भारतीय राष्ट्रपति की स्लोवाकिया गणराज्य की पहली यात्रा है।
- राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने स्लोवाकिया गणराज्य के राष्ट्रपति पीटर पेलेग्रिनी के साथ द्विपक्षीय संबंधों और साझा वैश्विक एवं क्षेत्रीय हितों के मुद्दों के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की।
- राष्ट्रपति ने स्लोवाकिया को 1 से 4 मई, 2025 तक मुंबई में भारत द्वारा आयोजित आगामी WAVE शिखर सम्मेलन में सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए आमंत्रित किया।
- राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने ब्रातिस्लावा में स्लोवाकिया-भारत व्यापार मंच को संबोधित किया। उन्होंने स्लोवाक कंपनियों को हमारी 'मेक इन इंडिया' पहल में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया।
- नाइट्रा में कॉन्स्टेंटाइन द फिलॉसफर यूनिवर्सिटी ने राष्ट्रपति को सार्वजनिक सेवा और शासन में उनके विशिष्ट करियर, सामाजिक न्याय और समावेश की वकालत और शिक्षा, महिला सशक्तीकरण और सांस्कृतिक और भाषाई विविधता को बढ़ावा देने में उनके योगदान के लिए डॉक्टरेट की मानद उपाधि प्रदान की।