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Raksha Bandhan 2025: भाई की कलाई पर सजाएं ये इको-फ्रेंडली और एंटी बैक्टीरियल गोबर से बनी राखी

Raksha Bandhan 2025: छत्तिसगढ़ की महिलाओं ने गोबर से बनीं इकोफ्रेंडली और एंटी बैक्टीरियल राखियां बनाई हैं, जिसके लिए उन्हें देशभर से ढेरों ऑर्डर मिल रहे हैं। बता दें कि सनातन धर्म में गाय के गोबर को शुद्ध और पवित्र माना जाता है। इस नजरिये से इन राखियों का महत्व और बढ़ जाता है।

MoneyControl Newsअपडेटेड Jul 28, 2025 पर 9:24 PM
Raksha Bandhan 2025: भाई की कलाई पर सजाएं ये इको-फ्रेंडली और एंटी बैक्टीरियल गोबर से बनी राखी

Raksha Bandhan 2025: भाई-बहन के प्यार का प्रतीक रक्षाबंधन का त्योहार सावन मास की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। इस दिन बहनें भाई की कलाई पर राखी बांधती हैं और उनकी लंबी उम्र और अच्छी सेहत की कामना करती हैं। इस मौके पर भाई अपनी बहनों की रक्षा का वचन लेते हैं। ये त्योहार पूरे देश में बड़ी धूम-धाम से मनाया जाता है। इस बार ये त्योहार 9 अगस्त 2025 को शनिवार के दिन मनाया जाएगा।

ये त्योहार नजदीक आते ही बाजार में सुंदर-सुंदर राखियां बिकनी शुरू हो जाती हैं। ढेरों डिजाइन और मटीरियल से बनी राखियां बाजार में देखने को मिलती हैं। इस बीच छत्तिसगढ़ राज्य की महिलाओं ने गोबर से बनीं इकोफ्रेंडली और एंटी बैक्टीरियल राखियां बनाई हैं, जिसके लिए उन्हें देशभर से ढेरों ऑर्डर मिल रहे हैं। बता दें कि सनातन धर्म में गाय के गोबर को शुद्ध और पवित्र माना जाता है। इस नजरिये से भी इन राखियों का महत्व बढ़ जाता है।

रायपुर के गोकुल नगर स्थित गौठान में महिला स्वयं सहायता समूह इस पर्व को पर्यावरण संरक्षण और संस्कृति से जोड़कर खास अंदाज में मनाने की तैयारी कर रहा है। इस समूह की महिलाएं बड़े पैमाने पर गोबर की राखियां बनाने के काम में जुटी हैं। छत्तीसगढ़ सरकार ने हाल ही में राज्य में गोधन न्याय योजना शुरू की है। इसका असर राखी पर भी दिखाई दे रहा है। गोबर के महत्व को ध्यान में रखते हुए राज्य की महिलाएं गोबर से राखी बना रही हैं। प्रदेश के अंबिकापुर,रायपुर और सरगुजा जिले की महिलाएं अनोखी राखी बनाने में जुटी हैं।

कैसे बनती हैं राखियां

ये राखियां पूरी तरह से गोबर से बनाई जाती हैं। इनमें ग्वार गम मिलाकर सांचे की मदद से सुंदर डिजाइन बनाए जाते हैं। इसके बाद 3-4 दिनों तक सुखाया जाता है और फिर इन्हें सजाया जाता है। राखियों में 8 से 10 रंगों का उपयोग कर 10-12 अलग-अलग डिजाइन तैयार किए जा रहे हैं।

बहुत कम है कीमत

राखियों की कीमत 20 से 35 रुपए तक रखी गई है। बता दें, महिला समूह अब तक 5,500 राखियां तैयार कर चुकी हैं। महिला समूहों की बनाई राखियों में से करीब 1,500 राखियां बिक भी चुकी हैं। मांग के अनुसार रक्षाबंधन तक 10 हजार राखियां और बनाई जानी है।

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