खूबसूरत पहाड़ी इलाके में आई इस तबाही ने गांव के कई घर, दुकानें, मंदिर, और एक सड़कों पर बना पुल भी ध्वस्त कर दिया। यहीं मचैल माता यज्ञ स्थल भी प्रभावित हुआ।
प्रभावित क्षेत्रों में बिजली और मोबाइल नेटवर्क बंद हो गए हैं, जिससे बचाव दल को फंसे लोगों तक पहुंचने में परेशानी हो रही है। मचैल और हामोरी गांव पूरी तरह कट चुके हैं।
राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF), सेना और स्थानीय प्रशासन मिलकर 24 घंटे तेजी से राहत कार्य कर रहे हैं। अब तक 160 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है।
घायलों में से करीब 38 की स्थिति गंभीर बताई जा रही है और उन्हें अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। पीजीआईएमईआर चंडीगढ़ से विशेषज्ञ टीम भी पहुंची हैं।
स्थानीय स्वयंसेवी संगठन अबाबिल और हिलाल स्वयंसेवक ने भी राहत कार्यों में मदद की है। वे घायल लोगों को अस्पताल ले जाने और शवों की खोज में उच्च भूमिका निभा रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने आपदा की जानकारी लेते हुए पीड़ितों के लिए हर संभव मदद का आश्वासन दिया है।
मचैल माता यात्रा के दौरान भारी संख्या में श्रद्धालु इस इलाके में मौजूद थे, जिनमें से कई फंसे हुए हैं। राहत प्रयास जारी हैं ताकि सभी को सुरक्षित निकाला जा सके।
क्लाउडबर्स्ट के कारण सड़कें बह गईं, काफी इलाके जलमग्न हो गए और कई जरूरी सेवाएं बाधित हुईं। इस भयानक प्राकृतिक आपदा से स्थानीय बस्ती अस्त-व्यस्त हो गई।
आशा है कि बचाव दल और प्रशासन मिलकर जल्द से जल्द फंसे लोगों को सुरक्षित निकालेंगे। पूरी देश इस आपदा से प्रभावित लोगों के साथ खड़ा है। राहत एवं पुनर्वास का काम जोर-शोर से चल रहा है।