Siddaramaiah Vs DK Shivakumar: कर्नाटक में कांग्रेस सरकार के 20 नवंबर को ढाई साल पूरे होते ही मुख्यमंत्री बदलने की अटकले तेज है। इसको लेकर पार्टी में सत्ता संघर्ष तेज हो गया है। यह विवाद सीएम सिद्धारमैया और डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार के बीच 2023 में हुए सत्ता-साझेदारी समझौते के कारण उठा है। शिवकुमार समर्थक कई विधायक दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं। सत्ता को लेकर जारी खींचतान के बीच शुक्रवार (28 नवंबर) को सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार एक मंच पर साथ दिखाई दिए।
दोनों को राजधानी बेंगलुरु में महिला और बाल कल्याण विभाग की तरफ से आयोजित इंटीग्रेटेड चाइल्ड डेवलपमेंट स्कीम के लॉन्चिंग मौके पर देखा गया। CM और डिप्टी सीएम ने इवेंट में गृह लक्ष्मी सहकारा ऐप भी लॉन्च किया। इस बीच, सत्ता संघर्ष में इस वक्त एक नया मोड़ आ गया है। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री का समर्थन करने वाले जाति समूह खुलकर उनके पक्ष में आ गए हैं।
एक समूह ने कांग्रेस को मौजूदा मुख्यमंत्री को हटाने के खिलाफ चेतावनी दी। जबकि दूसरे समुदाय ने शिवकुमार को मुख्यमंत्री बनाए जाने का पुरजोर समर्थन किया। पार्टी लीडरशिप पर इस विवाद को खत्म करने के बढ़ते दबाव के बीच कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि वह इस मामले को सुलझाने के लिए राहुल गांधी और सिद्धारमैया-शिवकुमार सहित चुनिंदा नेताओं के साथ बैठक करेंगे।
मुख्यमंत्री पद की दौड़ में शामिल पार्टी के वरिष्ठ नेता एव गृह मंत्री जी. परमेश्वर ने कहा कि पार्टी का शीर्ष नेतृत्व एक हफ्ते के भीतर इस मुद्दे को सुलझा लेगा। उन्होंने यह भी कहा कि अगर उनके अनुभव और क्षमता को देखते हुए उन्हें मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी दी जाती है तो वह जनता की सेवा करेंगे।
उन्होंने कहा कि शिवकुमार निश्चित रूप से मुख्यमंत्री पद के लिए दावेदार हैं। इसमें कुछ भी गलत नहीं है। उन्होंने पीटीआई से कहा कि लेकिन अगर सत्ता परिवर्तन होता है, तो यह पूरी तरह शांतिपूर्ण और बिना किसी विवाद के होना चाहिए। मौजूदा मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को विश्वास में लेना जरूरी है।
यतींद्र ने कहा कि पार्टी के एक कार्यकर्ता और विधान परिषद सदस्य होने के नाते उन्हें मुख्यमंत्री बदलने की कोई संभावना नहीं दिखती क्योंकि मुख्यमंत्री के खिलाफ कोई शिकायत नहीं है। साथ ही न ही उन पर किसी तरह के घोटाले के आरोप हैं।