Simla Agreement: पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव लगातार बढ़ रहा है। भारत सरकार ने बुधवार (23 अप्रैल) को पाकिस्तान के खिलाफ कई सख्त फैसले लिए थे। इनमें सिंधु जल संधि स्थगित करना, पाकिस्तानी नागरिकों का वीजा रद्द करना और अटारी बॉर्डर ट्रांजिट पोस्ट बंद करना शामिल था। अब एक दिन बाद यानी गुरुवार (24 अप्रैल) को पाकिस्तान ने भी बड़ा फैसला लिया। पाकिस्तानी हुकूमत ने भारत के साथ सभी द्विपक्षीय समझौतों को सस्पेंड कर दिया है। इसमें 'शिमला समझौता'भी शामिल है।
पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ कई अन्य कदमों का भी ऐलान किया है। इनमें भारतीय एयरलाइनों के लिए अपना हवाई क्षेत्र बंद करना, वाघा बॉर्डर को बंद करना और भारत के साथ सभी तरह के व्यापार को निलंबित करना शामिल है। इसके साथ ही पाकिस्तान ने SAARC वीजा छूट योजना के तहत भारतीय नागरिकों को जारी सभी वीजा रद्द कर दिए हैं। यह सब उस आतंकी हमले की पृष्ठभूमि में हो रहा है, जिसमें भारत ने सीमा पार से जुड़े लिंक पाए है।
शिमला समझौता 2 जुलाई 1972 को हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में हुआ था। यह 1971 के भारत-पाक युद्ध का नतीजा था, जिसमें भारत की निर्णायक जीत हुई और स्वतंत्र बांग्लादेश (पूर्वी पाकिस्तान) बना। इस समझौते पर भारत की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति जुल्फिकार अली भुट्टो ने हस्ताक्षर किए थे।
भारत ने बेशक युद्ध जीत लिया था, उसका पाकिस्तान की जमीन पर भी कब्जा था, उसके पास पाकिस्तानी युद्धबंदी भी थे। लेकिन,वह पाकिस्तान के साथ स्थायी शांति और द्विपक्षीय आधारित समाधान चाहता था। वहीं, पाकिस्तान को हार का सामना करना पड़ा था। वह अपना पूर्वी हिस्सा खो चुका था। वह शिमला समझौते को अपनी जमीन और सैनिकों की रिहाई का मौका मान रहा था।
शिमला समझौते की प्रमुख बातें क्या हैं?
शिमला समझौता निलंबित होने का क्या होगा असर?