SIR Debate: 'समझ का कोई इंजेक्शन नहीं होता'; चुनाव सुधार पर चर्चा के दौरान अमित शाह का राहुल गांधी पर तंज

Amit Shah vs Rahul Gandhi: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार (10 दिसंबर) को कहा कि कांग्रेस की हार की वजह EVM एवं वोटर लिस्ट नहीं। बल्कि नेता विपक्ष राहुल गांधी का नेतृत्व है। इस दौरान कांग्रेस सांसद पर तंज कसते हुए शाह ने कहा कि समझदारी का कोई इंजेक्शन नहीं होता, जो भड़ाम से इनको दे दिया जाए

अपडेटेड Dec 10, 2025 पर 8:01 PM
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Amit Shah vs Rahul Gandhi: अमित शाह ने कहा कि समझ का कोई इंजेक्शन नहीं होता, जो भड़ाम से इनको दे दिया जाए

Amit Shah vs Rahul Gandhi in Lok Sabha: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार (10 दिसंबर) को चुनाव आयोग (ECI), स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) और वोट चोरी के दावों पर विपक्ष के नेता राहुल गांधी के आरोपों का पॉइंट-बाय-पॉइंट जवाब दिया। अमित शाह ने विपक्ष पर SIR को लेकर झूठ फैलाने और पूरी दुनिया में भारतीय लोकतंत्र की छवि धूमिल करने का आरोप लगाया। साथ ही दावा किया कि चुनावों में कांग्रेस की हार की वजह EVM एवं वोटर लिस्ट नहीं, बल्कि राहुल गांधी का नेतृत्व है। इस दौरान कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पर तंज कसते हुए कहा, "समझ का कोई इंजेक्शन नहीं होता, जो भड़ाम से इनको दे दिया जाए।"

अमित शाह ने कहा कि पोलिंग बूथ का CCTV फुटेज रिकॉर्ड रखना इंटरनल मैनेजमेंट के लिए है। कोई मान्य डॉक्यूमेंट नहीं है। गृह मंत्री ने कहा, "यह बस एक आसान सी बात है...वे समझते नहीं हैं...समझदारी नहीं लाई जा सकती।" उन्होंने आगे कहा, "कानून के मुताबिक पोलिंग स्टेशन का CCTV फुटेज 45 दिन बाद डिलीट कर दिया जाता है। वे इस पर सवाल क्यों उठाते हैं? वे वोटिंग के 45 दिन पहले इसके लिए क्यों नहीं कहते?"

उन्होंने आगे राहुल गांधी पर तंज सकते हुए कहा, "सर (स्पीकर) समझ का कोई इंजेक्शन नहीं होता जो भड़ाम से इनको दे दे!" शाह ने कहा कि 2004 और 2009 में EVM पर चर्चा इसलिए रोक दी गई क्योंकि वे (कांग्रेस) जीत गए थे। 2014 में जब वे हार गए, तो उन्होंने फिर से शिकायत करना शुरू कर दिया। उन्होंने कहा, "चुनाव में चोरी बंद हुई है, इसलिए पेट में दर्द हो रहा है।"


शाह ने कहा कि संविधान निर्वाचन आयोग को वोटर लिस्ट बनाने का पूर्ण अधिकार देता है। उन्होंने कहा कि SIR मतदाता सूची के शुद्धिकरण की प्रक्रिया है। उन्होंने कहा कि विदेशी नागरिकों को भारत में मतदान करने का अधिकार नहीं दिया जा सकता।

शाह ने कहा, "संविधान के आर्टिकल 326 में मतदाता की पात्रता, योग्यता और मतदाता होने की शर्तें तय की गई है। सबसे पहली शर्त है, मतदाता भारत का नागरिक होना चाहिए, विदेशी नहीं होना चाहिए। ये (विपक्ष) कह रहे हैं कि चुनाव आयोग एसआईआर क्यों कर रहा है? उसका (चुनाव आयोग) दायित्व है, इसलिए कर रहा है।"

उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग तटस्थता से चुनाव कराने वाली संस्था हैगृह मंत्री ने कहा कि अनर्गल आरोप लगाकर निर्वाचन आयोग की छवि धूमिल करने का प्रयास किया जा रहा हैउन्होंने कहा, "आपको ऐसा लगता है कि आप सरकार की छवि को धूमिल कर रहे हैं, लेकिन असल में आप पूरी दुनिया में भारत के लोकतंत्र की छवि धूमिल कर रहे हैं।"

शाह ने कहा कि यह नई परंपरा शुरू हुई है कि चुनाव नहीं जीते तो निर्वाचन आयोग को बदनाम करो, जो लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है। उन्होंने कई चुनावों में विपक्षी दलों की जीत का उल्लेख करते हुए कहा कि अगर मतदाता सूची खराब थी तो शपथ क्यों ली?

गृह मंत्री ने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पर कटाक्ष करते हुए कहा, "EVM की दलील गले नहीं उतरती तो अब वोट चोरी का मुद्दा लेकर आए। वोट चोरी का मुद्दा लेकर पूरे बिहार में यात्रा निकाली। फिर भी हार गएहारने का कारण आपका नेतृत्व है। हारने का कारण ईवीएम और वोटर लिस्ट नहीं है"

उन्होंने कहा कि कांग्रेस कार्यकर्ता एक दिन इनका हिसाब मांगेंगे कि इतने चुनाव कैसे हार गए शाह ने कहा कि बीजेपी कई चुनाव हारी। लेकिन कभी किसी मुख्य निर्वाचन आयुक्त और निर्वाचन आयोग पर सवाल खड़े नहीं किए। शाह ने कहा कि बीजेपी को कभी सत्ता विरोधी लहर का सामना नहीं करना पड़ता है। गृह मंत्री के जवाब के बीच विपक्षी सांसदों ने लोकसभा से वॉकआउट कर दिया।

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