Solar Eclipse 2025: इस समय सोशल मीडिया में हर तरफ 2 अगस्त को पूर्ण सूर्य ग्रहण की चर्चा हो रही है। बताया जा रहा है ये दुर्लभ सूर्य ग्रहण है, जिसमें 6 मिनट तक पूरी धरती पर अंधेरा छा जाएगा। इतना ही नहीं, इसके बाद अगले 100 साल तक ऐसा नजारा देखने को नहीं मिलेगा। अब सोचने वाली बात ये है कि यह घटना इस साल होगी या ये भ्रामक जानकारी है। आइए जानते हैं ऐसा सूर्य ग्रहण कब पड़ेगा, पड़ेगा भी या ये महज अफवाह है।
2 अगस्त 2025 नहीं, 2 अगस्त 2027 को होगा सबसे लंबा पूर्ण सूर्य ग्रहण
आपको जानकर थोड़ी हैरत हो सकती है ये खगोलीय घटना इस साल नहीं, अब से दो साल बाद यानी 2 अगस्त, 2027 को होगी। खगोल विशेषज्ञ मान रहे हैं कि इस सूर्य ग्रहण में 6.23 मिनट के लिए चंद्रमा पूरी तरह से सूरज को ढक लेगा और धरती पर अंधेरा हो जाएगा। इसे 21वीं सदी में धरती पर सूरज को पूरी तरह ढकने के मामले में सबसे लंबा समय माना जा रहा है। साथ ही इसे ‘सदी का ग्रहण’ भी बताया जा रहा है। इससे पहले 8 अप्रैल, 2024 को मैक्सिको, अमेरिका और कनाडा में पूर्ण सूर्यग्रहण के दौरान चांद ने सूरज को 4 मिनट और 28 सेकंड के लिए ढक था। यह रिकॉर्ड है पूर्ण सूर्य ग्रहण के दौरान सबसे ज्यादा देर तक अंधेरा रहने का। खगोल वैज्ञानिक 2027 में इसके टूटने की उम्मीद कर रहे हैं।
2027 का पूर्ण सूर्यग्रहण उत्तरी अफ्रीका और मध्य पूर्ण के लगभग 11 देशों के कुछ हिस्सों में दिखाई देगा। इनमें स्पेन, जिब्राल्टर, मोरक्को, अल्जीरिया, ट्यूनीशिया, लीबिया, मिस्र, सूडान, सऊदी अरब, यमन और सोमालिया शामिल हैं। हालांकि अफ्रीका, यूरोप और साउथ एशिया के ज्यादातर हिस्सों में आंशिक सूर्यग्रहण दिखाई देगा। मगर नार्थ अमेरिका और दुनिया के बाकी हिस्सों में यह सामान्य रहेगा।
वैसे सूर्य ग्रहण से जुड़ा हुआ एक तथ्य जिसे सोशल मीडिया के यूजर नजरअंदाज कर रहैं, वो ये है कि सूर्य ग्रहण अमावस्या के दिन लगता है, जबकि इस साल 2 अगस्त को अमावस्या नहीं है। इसके अलावा इस साल का अगला और आंशिक सूर्यग्रहण 21 सितंबर, 2025 को होने वाला है, तो क्या इस साल 3 सूर्य ग्रहण देखने को मिलेंगे।
बता दें कि इस साल दो सूर्य ग्रहण और दो चंद्र ग्रहण लगने की जानकारी है, जिसमें से पहला सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण हो चुका है। साल का दूसरा सूर्य ग्रहण भारतीय समयानुसार 21 सितंबर 2025 को सर्व पितृ अमावस्या के दिन रात 11 बजे शुरू होगा और 22 सितंबर को सुबह 3.24 मिनट पर खत्म होगा। इस ग्रहण की कुल अवधि 4.24 मिनट की रहेगी। यह आंशिक सूर्य ग्रहण होगा जिसे भारत में नहीं न्यूजीलैंड, फिजी, अंटार्कटिका और ऑस्ट्रेलिया के दक्षिणी हिस्से में देखा जा सकेगा।
सूर्य ग्रहण तब लगता है जब चन्द्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच में आ जाता है। पृथ्वी सूरज की परिक्रमा करती है और चंद्रमा पृथ्वी के चक्कर लगाता है। ग्रहण के दौरान जब चंद्रमा, सूरज और धरती के बीच आ जाता है, तो सूरज की रोशनी धरती पर नहीं पड़ती, या चांद रोशनी रोक लेता है। इसी घटना को सूर्य ग्रहण कहा जाता है। यह घटना हमेशा अमावस्या तिथि के दिन पड़ती है।