
Pan-India SIR : बिहार के बाद अब देश के 12 राज्यों में वोटर लिस्ट को अपडेट करने का काम शुरू हो गया है। सोमवार को चुनाव आयोग ने यूपी और पश्चिम बंगाल समेत 12 राज्यों में स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) का ऐलान किया था। बिहार में SIR के बाद चुनाव आयोग ने इस पूरी प्रक्रिया में ही कई बदलाव कर दिए हैं। अब वोटर से डाक्यूमेंट एकत्र नहीं किए जाएंगे, यह निर्णय बिहार के अनुभव पर आधारित है। आधार कार्ड को पहचान प्रमाण के रूप में शामिल किया गया है।
बिहार में हुए SIR के नियमों से अलग, चुनाव आयोग (EC) ने अब पूरे देश में SIR प्रक्रिया के दौरान वोटर्स से दस्तावेज जमा करने की जरूरत खत्म कर दी है। एन्यूमरेशन (मतदाता सूची बनाने) के चरण में अब किसी भी वोटर से कोई डॉक्यूमेंट नहीं मांगा जाएगा। जो वोटर पिछले SIR से लिंक नहीं हो पाए हैं, उन्हें इलेक्टोरल रजिस्ट्रेशन ऑफिसर (ERO) की ओर से एक नोटिस भेजा जाएगा, ताकि उनकी पात्रता की जांच संविधान के अनुच्छेद 326 के तहत की जा सके। ऐसे वोटरों को अपनी नागरिकता साबित करने के लिए नागरिकता अधिनियम में बताए गए 11 दस्तावेजो में से कोई एक जमा करना होगा। ये दस्तावेज वही हैं जो बिहार SIR में मांगे गए थे।
वोटर लिस्ट रिवीजन में जनता को होगी आसानी
100 से ज्यादा दिन चलेगी प्रक्रिया
पूरे भारत में होने वाला यह SIR अभ्यास 103 दिन तक चलेगा, जो बिहार SIR (98 दिन) से 5 दिन लंबा होगा। बिहार के विपरीत, इस बार नोटिस चरण, एन्यूमरेशन फॉर्म की जांच और दावे व आपत्तियों का निपटारा , ये सभी कार्य 9 दिसंबर 2025 से 31 जनवरी 2026 तक एक साथ पूरे किए जाएंगे। देशभर में SIR की तैयारी — जैसे एन्यूमरेशन फॉर्म की प्रिंटिंग आदि — 28 अक्टूबर से 3 नवंबर के बीच पूरी कर ली जाएगी। इसके बाद 4 नवंबर से 4 दिसंबर तक एन्यूमरेशन का चरण चलेगा। पोलिंग स्टेशनों का पुनर्गठन (रैशनलाइजेशन) भी 4 दिसंबर तक कर दिया जाएगा ताकि हर स्टेशन पर अधिकतम 1,200 वोटर ही रहें।
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