Domestic Violence: 'जे तू मानेगा नहीं तो ले अब मर...', चुप रहकर घरेलू हिंसा झेलते पुरुषों की कहानियां
2021 के राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो के मुताबिक देश भर में 1.64 लाख लोगों ने आत्महत्या की। इसमें शादीशुदा लोगों की बात करें तो 81 हजार विवाहित पुरुष और 28 हजार विवाहित महिलाएं थी। 33.2% पुरुषों ने आत्महत्या पारिवारिक समस्याओं के कारण की और 3.2% पुरुषों ने वैवाहिक समस्याओं के कारण आत्महत्या की। यही आंकड़ा अगर हम 2022 का देखें तो समझ आता है कि कुल 1.71 लाख आत्महत्याओं में 21.7% आत्महत्याओं की वजह पारिवारिक मन मुटाव रही हैं
भारत में घरेलू हिंसा के शिकार पुरुषों की कहानियां, जो चुप रहकर शोषण झेल रहे हैं।
"उस रात को मैं कभी नहीं भूल सकता, वो मेरी जिंदगी की सबसे लंबी रात थी। जनवरी का महीना और कड़ाके की ठंड। रात के तीन बजे, मैं गहरी नींद में सोया था अचानक मेरे ऊपर मेरी पत्नी ने लाल मिर्च मिलाया हुआ खौलता पानी फेंका। मेरी छोटी बच्ची बगल में ही सोई हुई थी पर भगवान का शुक्र है कि उसके उपर पानी के छींटें नहीं गए थे। जबतक मुझे कुछ समझ में आता तबतक ज्योति मेरे फोन लेकर बाहर से दरवाजा बंद करके भाग गई थी। भागते हुए उसने बस इतना बोला कि, 'जे तू मानेगा नहीं तो ले अब मर।'
मुझे शरीर में तेज जलन हो रही थी और उसमें भी मैंने हिम्मत ना हारकर खिड़की तोड़ी और बाहर आया। मैंने बाहर के लोगों से मदद मांगी और पुलिस ने मुझे अस्पताल पहुंचाया। इसतरह मेरी जान बच पाई...इतना कहते-कहते दिल्ली के रहने वाले सूरज सैनी की गला भर जाता है और कमरे में थोड़ी देर के लिए एक खामोशी छा जाती है। कुछ देर बाद सूरज फिर से बोलते हैं कि, इस जानलेवा हमले के बाद भी ज्योति तीन महीने आजाद घुमती रही उसकी गिरफ्तारी अभी कुछ दिनों पहले हो पाई है। फिलहाल वो तिहाड़ जेल में बंद है।
शादी के नाम से खौफ
ये कहानी है दिल्ली के बवाना में औचंदी गांव के रहने वाले सूरज सैनी की। शादी के बाद की अपनी कहानी बताते-बताते सूरज कुछ देर के लिए इमोशनल हो जाते हैं। उनके आंखों से आंसू तो नहीं गिरते पर उनके चेहरे पर दिखा दर्द और बेबसी की लकीरों को साफ-साफ देखा जा सकता था। ज्योति से शादी के बाद सूरज और उसके परिवार की दुनिया इतनी बदल गई कि अह उन्हें शादी के नाम से खौफ होता है। 7 साल में 6 शादी... ज्योति सिर्फ पति बदलती गई, कहानी हर बार एक जैसी रही। रेप में फंसाने की धमकी देकर शादी का प्रेशर बनाना, फिर घरेलु हिंसा केस दर्ज कराना और पैसे लेकर पति को छोड़ देना। ज्योति की कहानी समझने के लिए हम सूरज से मिले। सूरज ज्योति के छठे पति हैं। उनके पास ज्योति की पुरानी शादियों के डॉक्यूमेंट मौजूद हैं।
सूरज ने बताया कि, "वह लोगों से जबरन पैसे वसूलती है। शादी के बाद परेशान करती है और जब बात तलाक लेने की नौबत आ जाए, तो कोर्ट के जरिए पैसे, कानूनी खर्च या सेटलमेंट मांगती है।" 14 फरवरी 2024 को सूरज ने ज्योति से शादी की। शादी के डेढ़ महीने बाद पता चला कि ज्योति तीन महीने से प्रेग्नेंट है। जब सूरज ने इस बात की जांच पड़ताल शुरू की तो एक दिन ज्योति ने एक दिन उनके उपर खौलता पानी डालकर भाग जाती है।
शादी के पहले ही प्रेग्नेंट थी पत्नी
सूरज से कहानी शुरु से बताते हैं, 'दिसंबर 2023 मैं जागरण के कार्यक्रम में गया था। वहीं पहली बार ज्योति से मिला। थोड़ी बात हुई और हमने एक-दूसरे का मोबाइल नंबर ले लिया। फिर हमारी बात होने लगी। कुछ दिनों बाद उसका फोन आया। वो बोली कि मैं दोस्तों के साथ खाटू श्याम जा रही हूं। आप भी चलो। मैं तैयार हो गया। मैं पहुंचा तो वहां वो अकेली थी। हम काफी देर साथ रहे और इस दौरान हम थोड़े करीब आए मतलब फिजिकल हुए। इसके बाद जनवरी में ज्योति का फोन आया और उसने कहा कि मैं प्रेग्नेंट हूं। अब तुम्हें मुझसे शादी करने पड़ेगी। दबाव में आकर मैंने अपने घरवालों से छिपाकर मंदिर में ज्योति से शादी कर ली।'
घरवालों के खिलाफ दर्ज कराया केस
सूरज आगे बताते हैं, ‘फरवरी 2024 में हमारी शादी हुई और मैंने मार्च में ज्योति की अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट देखी तो मैं सन्न रह गया। रिपोर्ट में 3 महीने की प्रेग्नेंसी थी, जबकि मैं तो उससे डेढ़ महीने पहले ही मिला था। मैंने ज्योति से पूछा, तो उसने कहा कि रिपोर्ट में कुछ गड़बड़ है। मैं दोबारा जांच कराऊंगी।' उन्होंने आगे बताया कि, हमारी कुछ दिनों तक बात बंद रही और उसके बाद ज्योति ने मुझसे कहा कि मेरे साथ रहना शुरू करो, नहीं तो झूठे केस में फंसा दूंगी। उसकी मां ने मेरे घर फोन किया और मेरे परिवार को धमकाया और अगले ही दिन प्रशांत विहार थाने में उसने मेरे खिलाफ रेप का केस दर्ज करा दिया। उसकी मांग थी कि सूरज अपने घर से दूर मेरे साथ रहे और उसकी बात ना मामने पर ज्योति ने मेरे पिता, चाचा और भाई पर भी रेप का केस दर्ज करा दिया।
पत्नी के खिलाफ जुटाए सबूत
सूरज बताते हैं, ' आखिरकार मुझे उसकी शर्त माननी पड़ी। मैं उसके साथ उसके घर के करीब नांगलोई में रहने लगा। उसने केस वापस ले लिया।' ज्योति के साथ रहने पर सूरज को पता चला कि उसकी पहले भी कई शादियां हो चुकी हैं। सूरज ने 2016 से अब तक ज्योति की 5 शादियों और अफेयर के सबूत जुटाए। उसकी पहली शादी 2016 में सनी के साथ हुई थी। सूरज को ज्योति की गूगल हिस्ट्री में पहली शादी और तलाक के डॉक्यूमेंट मिले। ज्योति पर पिछली शादियां छिपाने और गैरइरादतन हत्या की कोशिश का केस दर्ज है। तीन महीने से फरार होने के बाद उसे अप्रैल 2025 पुलिस ने गिरफ्तार किया वो फिलहाल तिहाड़ जेल में बंद है।
सूरज की ही तरह दिल्ली के तुगलकाबाद में रहने वाले शिवकुमार की भी कहानी है। शिवकुमार ने कभी नहीं सोचा था कि शादी के कुछ ही महीनों बाद उनकी जिंदगी पूरी तरह से बदल जाएगी। शादी के महज आठ महीने के भीतर ही शिव एक सड़क हादसे का शिकार होते हैं। इसके बाद वह लगभग एक साल तक बिस्तर पर पड़े रहे। इस हादसे ने कमाई के उनकी बचत भी खत्म कर दी। शिवकुमार के लिए और भी बुरा वक्त तब आया था पत्नी के साथ उनके रिश्तों में खटास आ गई। इसके साथ ही पत्नी ने उनके और उनके परिवार के खिलाफ घरेलू हिंसा का मामला दर्ज कर दिया।
तलाक के लिए क्राउडफंडिंग
स्वास्थ्य और शरीर के साथ अपनी लड़ाई के दौरान, शिव को एक और आघात तब लगा, जब उनकी पत्नी ने उन पर घरेलू हिंसा का एक और मामला दर्ज करा दिया। अदालत ने उन्हें अपनी पत्नी को नौकरी या आय का कोई स्रोत ना होने के बावजूद 4,000 रुपये मासिक मेंटेंस का निर्देश दिया। चौंकाने वाली बात ये रही की मेंटेंस ना दे पाने के कारण शिवकुमार को तीन बार जेल तक जाना पड़ा। साल 2013 में शिवकुमार को पैंक्रियाज कैंसर हो गया। जिससे उनका शरीर पूरी तरह से कमजोर हो गया और कैंसर ने उन्हें व्हीलचेयर पर ला दिया। व्हीलचेयर पर होने के बावजूद कोर्ट ने शिवकुमार को एलिमनी के तौर पर पांच लाख रुपए देने का आदेश दिया। एलिमनी की रकम जुटाने के लिए शिवकुमार को क्राउड फंडिग की मदद लेनी पड़ी। 2018 में ये मामला अखबारों की सुर्खियां भी बनी।
अपनी आजादी का भुगतान करने के लिए शिवकुमार अपने दोस्तों और अन्य लोगों से पैसे उधार लेने पड़े। पुरुष अधिकार कार्यकर्ता दीपिका भारद्वाज ने शिवकुमार के लिए क्राउडफंड अभियान चलाया। क्राउडफंडिंग प्लेटफॉर्म ने शिव को 5 लाख रुपये की राशि जुटाने में मदद की, जिसे वो अपनी पत्नी को एलिमनी की रकम देकर तलाक लिया।
भारत में घरेलू हिंसा की तस्वीर
भारत में घरेलू हिंसा के शिकार पुरुषों को लेकर हमने सामाजिक कार्यकर्ता और पुरुष अधिकारों को लेकर लंबे समय से आवज उठाने वाली दीपिका नारायण भारद्वाज से बात की। उन्होंने बताया कि, 'डोमेस्टिक वायलेंस एक्ट जो भारत में है, वो केवल महिलाओं के संरक्षण और अधिकार देता है। अगर कोई महिला लिवइन में भी रह रही है और उसके साथ डोमेस्टिक वायलेंस होता है तो वो भी अपने मेल पार्टनर के खिलाफ डीवी (घरेलू हिंसा से महिला निवारण अधिनियम) केस फाइल कर सकती है। पर ना ही शादीशुदा और ना ही लिवइन में रहने वाला पुरुष कोई केस फाइल नहीं कर सकता है। हमारे कानून में महिलाओं के खिलाफ चार तरह के डोमेस्टिक वायलेंस को रिकॉग्नाइज किया गया है - फिजिकल एब्यूज, फाइनेंशिल एब्यूज, मेंटल एब्यूज और इमोशनल एब्यूज। पुरुषों के खिलाफ जो घरेलु हिंसा है, वो हमारे इंडियन पीनल कोड में रिकॉग्नाइज नहीं है। दहेज कानून यानी धारा 498-ए जो अब भारतीय न्याय संहिता (BNS) में धारा 85 और 86 हो गया है, उसमें भी मानसिक प्रताड़ना और घरेलु हिंसा एक आपराधिक गतिविधि है पर सिर्फ शादीशुदा महिला ही इस्तेमाल कर सकती है पर पुरुष नहीं।'
डाराने वाले आंकड़े
2021 के राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो के मुताबिक देश भर में 1.64 लाख लोगों ने आत्म हत्या की। इसमें शादीशुदा लोगों की बात करें तो 81 हजार विवाहित पुरुष और 28 हजार विवाहित महिलाएं थी। 33.2% पुरुषों ने आत्महत्या पारिवारिक समस्याओं के कारण की और 3.2% पुरुषों ने वैवाहिक समस्याओं के कारण आत्महत्या की। यही आंकड़ा अगर हम 2022 का देखें तो समझ आता है कि कुल 1.71 लाख आत्महत्याओं में 21.7% आत्महत्याओं की वजह पारिवारिक मन मुटाव रही हैं। वहीं 2022 में 4.8% पुरुषों ने वैवाहिक समस्या से आत्महत्या की। पिछले दस साल के आंकड़ों को देखे तो साल 2012 में जहां 88553 पुरुषों ने और 46992 महिलाओं ने आत्महत्या की तो वहीं दस साल बाद यानी साल 2022 में ये आंकड़ा बढ़कर 1 लाख 71 हजार तक पहुंच गया जिसमें 122724 पुरुष थे तो वहीं 48172 महिलाएं शामिल थीं।