दुबई में एयर शो के दौरान LCA तेजस लड़ाकू विमान क्रैश हो गया। हादसे का वीडियो देखने के बाद एविएशन एक्सपर्ट्स का कहना है कि उनके शुरुआती आकलन के आधार पर ऐसा लग रहा है कि जमीन पर गिरने से पहले फाइटर जेट नेगेटिव जी टर्न ले रहा था। भारतीय वायु सेना (IAF) ने X पर एक बयान में कहा कि दुर्घटना में पायलट की जान चली गई।
हालांकि, केवल गहन जांच से ही पता चल सकता है कि आखिर ऐसी क्या गलती हुई कि हवा में करतब दिखाता विमान अचानक से नीचे धरती पर आकर गिरा और आगे गोले में तब्दील हो गई। लेकिन एयर शो के वीडियो से पता चला कि लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (LCA) तेजस ने एक लूप वाला करतब पूरा करने के बाद जब अपने लेवल में वापस आने की कोशिश की, तो अचानक उसकी ऊंचाई कम हो गई।
नेगेटिव G का मतलब होता है- विमान और उसके अंदर बैठे लोगों पर गुरुत्वाकर्षण की सामान्य दिशा के उलट फोर्स लगना। यह स्थिति तब बनती है, जब प्लेन तेजी से नीचे की तरफ आता है, कोई ऐरोबेटिक करतब करता है, या बहुत ज्यादा टर्बुलेंस होती है।
अगर नेगेटिव G को सही तरीके से संभाला न जाए, तो पायलट को चक्कर आ सकते हैं, दिशा का अंदाजा खो सकता है, या यहां तक कि बेहोशी भी आ सकती है, क्योंकि शरीर का खून सिर की ओर जमा होने लगता है।
इसी वजह से पायलटों को खास ट्रेनिंग दी जाती है, ताकि वे उड़ान के दौरान नेगेटिव G के असर को संभाल और कम कर सकें।
दुर्घटनाग्रस्त हुआ LCA तेजस तमिलनाडु के सुलूर के स्क्वाड्रन का था और यह 2016 से सेवा में था।
हाल ही में रूसी मूल के पुराने MiG-21 के रिटायर होने के बाद, LCA तेजस को भारतीय वायुसेना का अगला लड़ाकू विमान माना जा रहा था।
इस छोटे लड़ाकू विमान का भारतीय वायुसेना में सबसे बेहतरीन सुरक्षा रिकॉर्ड है- दुबई एयर शो में हुई दुर्घटना 24 सालों में दूसरी दुर्घटना है। पहली दुर्घटना राजस्थान के जैसलमेर में मार्च 2024 में हुई थी, यानी 2001 में विमान की पहली टेस्टिंग फ्लाइट के 23 साल बाद।