देश में Gig वर्कर्स को पेंशन मिलने का रास्ता साफ होने वाला है। सूत्रों के मुताबिक श्रम मंत्रालय (Ministry of Labor) अगले महीने तक कैबिनेट में प्रस्ताव भेज सकता है। इससे गिग वर्कर्स को भी पेंशन का लाभ मिल सकेगा। बता दें कि 2020 के सोशल सिक्योरिटी कोड के अनुसार गिग वर्कर वे लोग होते हैं, जो पारंपरिक नौकरी के ढांचे से बाहर काम करते हैं। उन्हें अपने काम के मुताबिक पेमेंट मिलता है। इनमें टेंपरेरी, फ्रीलांसर, कैब ड्राइवर, फूड डिलीवरी करने वाले कर्मचारी और अन्य ऑन-डिमांड नौकरियों में काम कर रहे लोग शामिल है।
Gig वर्कर्स को मिलेगी पेंशन
इस खबर पर अधिक जानकारी देते हुए हमारे सहयोगी चैनल सीएनबीसी-आवाज़ की दिपाली नंदा ने एक्सक्लूसिव सूत्रों के हवाले से कहा कि अब Gig वर्कर्स को भी पेंशन मिलेगी। सूत्रों ने कहा कि ओला, उबर, इटरनल, अमेजन जैसी कंपनियों ने वर्कर्स को पेंशन देने के लिए अपनी सहमति दे दी है।
दिपाली ने आगे कहा कि इसके लिए बिलिंग अमाउंट का 1.5-2% कंट्रीब्यूशन किया जायेगा। ये कंट्रीब्यूशन कंपनियों द्वारा कराया जायेगा। सूत्रों का कहना है कि कंपनियों द्वारा कंट्रीब्यूशन राशि EPFO में जमा कराई जाएंगी।
Gig वर्कर्स के पास होंगे दो विकल्प
गिग वर्कर्स के पास इसके लिए दो विकल्प होंगे। इसमें जमा राशि ब्याज के साथ एकमुश्त लेने का विकल्प भी वर्कर्स के लिए उपलब्ध होगा। जमा राशि के अनुसार हर महीने तय पेंशन लेने का विकल्प भी वर्कर्स के पास होगा। सूत्रों ने कहा कि अगले महीने कैबिनेट में प्रस्ताव भेजा जा सकता है।
देश में करीब 1 करोड़ गिग वर्कर्स
गिग वर्कर्स की संख्या की बात करें तो इस समय देश में करीब 1 करोड़ गिग वर्कर्स हैं। इसलिए इन लोगों के लिए ये बहुत अच्छी खबर साबित होगी। फाइनेंशियल सिक्योरिटी के लिहाज से देखें तो ये प्रस्ताव काफी महत्वपूर्ण होगा। सूत्रों के मुताबिक इस बारे प्रस्ताव तैयार हो चुका है और श्रम मंत्रालय की कोशिश है कि एक महीने के अंदर इसे कैबिनेट से मंजूरी मिल जाये।