Tirumala Temple News: आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने तिरुपति के विश्व प्रसिद्ध तिरुमाला मंदिर को लेकर एक बड़ा ऐलान किया है। मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने शुक्रवार (21 मार्च) को कहा कि तिरुमाला मंदिर में केवल हिंदुओं को ही नियुक्त किया जाना चाहिए। नायडू ने शुक्रवार को श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में पूजा-अर्चना की। नायडू ने सुबह आठ बजकर 20 मिनट पर अपने परिवार के साथ श्री वेंकटेश्वर स्वामी के दर्शन किए। दर्शन के बाद नायडू और उनके परिवार के सदस्यों ने तरिगोंडा वेंगामंबा में श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरित किया।
रिपोर्ट के मुताबिक, दर्शन के बाद सीएम ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान निर्देश दिया कि तिरुमाला मंदिर में केवल हिंदू कर्मचारी ही काम करेंगे। उन्होंने मंदिर के गैर-हिंदू कर्मचारियों को दूसरी जगह भेजने की घोषणा भी की। नायडू ने कहा कि यदि अन्य समुदायों के लोग मंदिर में काम करते हैं तो उनकी भावनाओं को ठेस पहुंचाए बिना उन्हें शिफ्ट कर दिया जाएगा।
न्यूज एजेंसी ANI ने सीएम के हवाले से कहा, "तिरुमाला मंदिर में केवल हिंदुओं को ही काम पर रखा जाना चाहिए। अगर दूसरे धर्मों के लोग वहां काम कर रहे हैं, तो उनकी भावनाओं को ठेस पहुंचाए बिना उन्हें दूसरे स्थानों पर शिफ्ट कर दिया जाएगा।" आंध्र के सीएम ने भारत भर के सभी राज्यों की राजधानियों में भगवान वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर बनाने की योजना की भी घोषणा की।
हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर की देखरेख करने वाली तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) ने बोर्ड द्वारा संचालित विभिन्न संस्थानों में काम करने वाले 18 कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की, क्योंकि वे हिंदू धर्म और परंपराओं का पालन करने की शपथ लेने के बावजूद कथित तौर पर ईसाई धर्म का पालन कर रहे थे।
18 नवंबर 2024 को हुई टीटीडी ट्रस्ट बोर्ड की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि मंदिर प्रशासन में विभिन्न पदों पर कार्यरत गैर-हिंदुओं को सरकार को सौंप दिया जाएगा। 2018 की एक रिपोर्ट के अनुसार, टीटीडी में अन्य धर्मों के 44 कर्मचारी काम करते हैं।
नायडू ने 'मुमताज होटल' विवाद पर कहा
शुक्रवार को नायडू ने सात पवित्र पहाड़ियों में से एक की तलहटी में 'मुमताज होटल' के निर्माण को लेकर भी जारी विवाद पर बयान दिया। नायडू ने बताया कि इलाके के पास मुमताज होटल के लिए पहले अनुमति दी गई थी। हालांकि, सरकार ने अब होटल के लिए मंजूरी रद्द करने का फैसला किया है। उसे 35.32 एकड़ जमीन पर बनाने की योजना बनाई गई थी। आंध्र के सीएम ने जोर देकर कहा कि सात पहाड़ियों के पास कोई व्यावसायीकरण नहीं होना चाहिए।