GST Registration : देश में UPI ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देने के लिए GST रजिस्ट्रेशन के लिए टर्नओवर की तय सीमा बढ़ाई जा सकती है। सूत्रों के मुताबिक बैंक और वित्तीय संस्थानों ने वित्तमंत्रालय को सुझाव दिया है कि छोटे दुकानदारों को GST के दायरे से बाहर रखा जाए ताकि वो बेहिचक UPI के जरिए लेन देन कर सकें। इस खबर पर ज्यादा डिटेल जानकारी देते हुए सीएनबीसी-आवाज़ के आलोक प्रियदर्शी ने बताया कि छोटे कारोबारियों को बड़ी राहत संभव है। सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक GST रजिस्ट्रेशन के लिए टर्नओवर सीमा बढ़ सकती है।
सूत्रों के मुताबिक 1 करोड़ रुपए तक के टर्नओवर वाले कारोबारियों को GST रजिस्ट्रेशन से छूट संभव है। बैंकों और वित्तीय संस्थानों ने वित्त मंत्रालय को ये सुझाव दिया है। GST रजिस्ट्रेशन के लिए मौजूदा लिमिट 40 लाख रुपए है। इससे GST नोटिस का खतरा बना रहता है। बात दें की जीएसटी नोटिस मिलने से छोटे कारोबारी UPI पेमेंट लेने से मना कर रहे हैं।
सूत्रों के मुताबित बैंकों ने बड़े ट्रांजेक्शन पर MDR चार्जेज लगाने को भी कहा है। MDR चार्जेज का असर छोटे UPI पेमेंट पर नहीं पड़ेगा। बैंकों के दोनों प्रस्ताव पर फिलहाल सरकार विचार कर रही है। बता दें कि जब आप क्रेडिट कार्ड से पेमेंट करते हैं तो उस पर 2 से 3 फीसदी तक का चार्ज लगता है। इसे मर्चेंट डिस्काउंट रेट (MDR) कहते हैं। लेकिन जब आप यूपीआई से पेमेंट करते हैं तो ये चार्ज नहीं लगता है। इसके कारण UPI से पेमेंट करने में लोगों की दिलचस्पी बढ़ गई है। लेकिन अब बैंकों ने बड़े ट्रांजेक्शन पर MDR चार्जेज लगाने की मांग की है।
बता दें कि हाल ही में तय टर्नओवर से ज्यादा कारोबार पर छोटे कारोबारियों को नोटिस मिले थे। कर्नाटक, UP और गुजरात के GST विभाग ने नोटिस दिए थे। इसके बाद सोशल मीडिया से लेकर कारोबारी जगत तक चिंता फैल गई कि क्या अब डिजिटल पेमेंट पर भी टैक्स देना होगा।
देश में गुड्स के लिए 40 लाख सालाना टर्नओवर की लिमिट है। सर्विस के लिए 20 लाख सालाना टर्नओवर की लिमिट है। इससे ज्यादा टर्नओवर होने पर रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है।