अप्रैल महीने में भारत का व्यापार घाटा बढ़कर पांच महीने के उच्च स्तर 26.42 अरब डॉलर पर पहुंच गया। इससे पहले नवंबर, 2024 में यह 31.77 अरब डॉलर के स्तर पर था। मार्च महीने में व्यापार घाटा 21.54 अरब डॉलर था। वहीं एक साल पहले अप्रैल में व्यापार घाटा 19.1 अरब डॉलर था। निर्यात और आयात की बात करें तो इलेक्ट्रॉनिक और इंजीनियरिंग सामान के बेहतर प्रदर्शन से देश का निर्यात सालाना आधार पर 9.03 प्रतिशत बढ़कर 38.49 अरब डॉलर दर्ज किया गया। अप्रैल 2024 में यह 35.30 अरब डॉलर था।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, कच्चे तेल और फर्टिलाइजर के आयात में वृद्धि से अप्रैल में देश का आयात सालाना आधार पर 19.12 प्रतिशत बढ़कर 64.91 अरब डॉलर रहा, जो कि एक साल पहले 54.49 अरब डॉलर था।
व्यापार घाटा, आयात और निर्यात के बीच का अंतर होता है। जब किसी देश का आयात, उसके निर्यात से ज्यादा होता है तो व्यापार घाटे की स्थिति बनती है। वहीं निर्यात, आयात से अधिक होने पर ट्रेड सरप्लस की स्थिति बनती है।
इन चीजों का बढ़ा एक्सपोर्ट
अप्रैल के दौरान जिन क्षेत्रों में निर्यात वृद्धि दर्ज की गई, उनमें तंबाकू, कॉफी, समुद्री उत्पाद, चाय, सिले-सिलाये कपड़े, चावल, रत्न और आभूषण, मसाले, पेट्रोलियम उत्पाद और औषधि शामिल हैं।इलेक्ट्रॉनिक और इंजीनियरिंग प्रोडक्ट्स का निर्यात क्रमशः 39.51 प्रतिशत और 11.28 प्रतिशत बढ़कर 3.69 अरब डॉलर और 9.51 अरब डॉलर रहा। कॉमर्स सेक्रेटरी सुनील बर्थवाल का कहना है, ‘‘मुझे उम्मीद है कि भारत इस निर्यात गति को बनाए रखेगा और वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद यह हमारे लिए एक अच्छा वर्ष होना चाहिए।’’
सोने का आयात 5 प्रतिशत बढ़ा
दूसरी तरफ, कच्चे तेल का आयात अप्रैल में 25.6 प्रतिशत बढ़कर 20.7 अरब डॉलर हो गया, जबकि सोने का आयात 4.86 प्रतिशत बढ़कर 3.09 अरब डॉलर रहा। आंकड़ों के अनुसार, सर्विस एक्सपोर्ट अप्रैल में 35.31 अरब डॉलर का रहा। पिछले साल इसी महीने में यह 30.18 अरब डॉलर था। सर्विस इंपोर्ट की अनुमानित वैल्यू अप्रैल 2025 में 17.54 अरब डॉलर रही। बीते साल अप्रैल में यह 16.76 अरब डॉलर थी।