Delhi-Meerut RRTS: दिल्ली-मेरठ RRTS (रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम) का ट्रायल रन सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया है। यह ट्रायल रन सराय काले खां से मेरठ के मोदीपुरम तक 82 किलोमीटर के पूरे कॉरिडोर पर किया गया और इसे 1 घंटे से भी कम समय में पूरा कर लिया गया। 82 किलोमीटर लंबे RRTS परियोजना को क्रियान्वित करने वाली एजेंसी NCRTC ने कहा कि परियोजना अंतिम चरण में है और यह जल्द ही यात्रियों के लिए चालू होगी।
एनसीआरटीसी के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पुनीत वत्स ने कहा, 'हाल ही में हमने पूरे 82 किलोमीटर के कॉरिडोर के लिए एक सफल ट्रायल रन किया, और ट्रेन एक घंटे से भी कम समय में सराय काले खान (दिल्ली में) और मोदीपुरम (मेरठ में अंतिम स्टेशन) के बीच सभी स्टॉपेज पर पहुंची। जिस तेजी से चीजें आगे बढ़ रही हैं, हमें उम्मीद है कि सिस्टम बहुत जल्द चालू हो जाएगा।'
परियोजना के डेवलपमेंट की जानकारी रखने वाले एक अधिकारी ने कहा, 'मेरठ (दक्षिण) से शताब्दी नगर तक के खंड के लिए सुरक्षा मंजूरी मिल गई है, जबकि शताब्दी नगर से मोदीपुरम तक के शेष खंड के लिए निरीक्षण शुरू हो गया है। इसी तरह, दिल्ली में न्यू अशोक नगर से सराय काले खान तक के सुरक्षा निरीक्षण भी अंतिम चरण में हैं। मेरठ में स्थानीय मेट्रो मॉड्यूल के स्टेशनों के लिए निरीक्षण भी जल्द ही निर्धारित किए जाएंगे।'
रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम 82 किलोमीटर लंबी परियोजना है। इसका उद्देश्य दिल्ली, गाजियाबाद और मेरठ शहरों को नमो भारत ट्रेनों से जोड़ना है। इस परियोजना को जून 2025 में पूरा किया जाना था जो फिलहाल अंतिम चरण में है। पूरी 82 किलोमीटर की लाइन चालू होने के बाद मेरठ से दिल्ली तक ट्रेन की यात्रा में 55 मिनट लगेंगे।
फिलहाल नमो भारत ट्रेन सर्विस दिल्ली में न्यू अशोक नगर से मेरठ (दक्षिण) तक 55 किलोमीटर के खंड पर चालू हैं, जिसमें दिल्ली में दो, गाजियाबाद में आठ और मेरठ में एक सहित 11 स्टेशन शामिल हैं। पूरी परियोजना में 24 स्टेशन हैं, जिनमें से 13 मेरठ में हैं। नमो भारत ट्रेनों के मेरठ में चार स्टेशन हैं, जबकि स्थानीय मेट्रो उसी बुनियादी ढांचे पर सभी 13 स्टेशनों पर चलेगी।
आपको बता दें कि पूरी RRTS परियोजना ₹30,274 करोड़ की लागत से बनाई जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 मार्च, 2019 को गाजियाबाद में इसकी आधारशिला रखी थी।