SIR In UP: उत्तर प्रदेश में गहन मतदाता पुनरीक्षण (SIR) अभियान जोरों पर है। इसका मुख्य उद्देश्य मतदाता सूची से फर्जी, मृतक और दो जगह नाम वाले वोटरों को हटाकर सूची को शुद्ध करना है। इस अभियान के तहत मतदाताओं को जो फॉर्म दिया जा रहा है, उसमें कई अनिवार्य जानकारियां देनी होंगी। इसमें सबसे अहम है कि विवाहित महिलाओं को अपने मायके (माता-पिता के घर) से संबंधित जानकारी भी फॉर्म में उपलब्ध करानी होगी। इस प्रक्रिया से उन तमाम लोगों को चिह्नित किया जाएगा जिनके नाम एक से अधिक जगहों पर हैं या जो मृत हैं।
गहन मतदाता पुनरीक्षण का लक्ष्य मतदाता सूची में शामिल डुप्लीकेट, मृत और बाहर से आकर रह रहे, लेकिन मूल रूप से कहीं और रजिस्टर्ड, लोगों की पहचान करना है। बाराबंकी जिले में 23 लाख 57 हजार 810 मतदाता हैं। जिले में 23 लाख मतदाताओं में से 98.58 प्रतिशत लोगों को गणना फॉर्म वितरित किए जा चुके हैं। मतदाता इन फॉर्म्स को भरकर वापस बीएलओ (बूथ लेवल ऑफिसर) को जमा करेंगे।
महिलाओं के लिए मायके की जानकारी देना अनिवार्य
मतदाताओं को पुनरीक्षण आवेदन में कई महत्वपूर्ण बिंदु भरने होंगे:
व्यक्तिगत विवरण: वोटर की जन्मतिथि, आधार संख्या, और मोबाइल नंबर।
पारिवारिक विवरण: पिता का नाम, पिता का EPIC नंबर, माँ का नाम, और माता का EPIC नंबर।
विवाहितों के लिए: अगर लागू हो तो वोटर के पति/पत्नी का नाम और EPIC नंबर।
मूल स्थान: महिला मतदाताओं को अपने मायके से संबंधित राज्य, जिला, तहसील और गांव का नाम भरना होगा।
बड़ी संख्या में हटाए जाएंगे फर्जी वोटर कार्ड
अधिकारी मानते हैं कि इतनी विस्तृत जानकारी का मिलान करना आसान नहीं है, खासकर महिलाओं के आवेदनों में। एक बीएलओ ने बताया कि प्रत्येक घनी आबादी वाले क्षेत्र में 50 से 60 नाम ऐसे मिल रहे हैं, जिनका वहां कोई लेखा-जोखा नहीं है। इस अभियान से मृत मतदाताओं की बड़ी संख्या भी सामने आ रही है, जिनके नाम सूची से हटाए जाएंगे। दरियाबाद में नायब तहसीलदार सुधाकर पांडेय ने SIR का निरीक्षण किया और बीएलओ से उनकी समस्याओं की जानकारी लेकर उनका समाधान किया।
समय सीमा और शिकायत निवारण
अपर जिलाधिकारी (ADM), निरंकार सिंह के अनुसार, इस अभियान की समय सीमा निर्धारित है।
प्रपत्र जमा करने की अंतिम तिथि: बीएलओ चार नवंबर तक घर-घर जाकर गणना प्रपत्र भरवा रहे हैं।
डिजिटाइजेशन: पत्रक जमा होने के बाद चार दिसंबर तक डिजिटाइजेशन का कार्य पूरा किया जाएगा।
शिकायत: पुनरीक्षण के दौरान आ रही दिक्कतों के बारे में टोल फ्री नंबर 1950 पर जानकारी दी जा सकेगी। इसके लिए एक कंट्रोल रूम भी स्थापित कर दिया गया है।