अमेरिका ने भारत के साथ दो मिलिट्री सौदों को मंजूरी दी है। इसमें जेवलिन एंटी-टैंक मिसाइल्स और एक्सकैलिबर आर्टलरी प्रोजेक्टाइल्स शामिल हैं। ये दोनों मिलिट्री डील 9.28 करोड़ डॉलर के हैं। डिफेंस सिक्योरिटी कोऑपरेशन एजेंसी (डीएससीए) ने 19 नवंबर को नोटिफिकेशन जारी किया। अभी इस डील पर अमेरिकी कांग्रेस विचार करेगी।
दुनिया में सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाला एंटी-आर्मर सिस्टम
इस डील में शामिल जेवलिन एफजीएम-148 एंटी-टैंक मिसाइल सिस्टम काफी प्रभावी है। इससे आर्मर्ड व्हीकल्स और फोर्टिफायड पोजीशंस को निशाना बनाना काफी आसान होता है। Javelin anti-tank missile को यूएस आर्मी और मरीन कॉर्प्स ने मिलकर तैयार किया है। यह शॉल्डर-फायर्ड मिसाइल सिस्टम टैंक के उस प्वाइंट को निशाना बनाता है, जहां टैंक को सबसे ज्यादा नुकसान हो सकता है। यह दुनियाभर में सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाला एंटी-आर्मर सिस्टम है।
डिफेंस डील के पहले पैकेज की वैल्यू 4.57 करोड़ डॉलर
अमेरिका से डील के पहले पैकेज की वैल्यू 4.57 करोड़ डॉलर है। इसमें जेवलिन एफजीएम-148 मिसाइल, 25 लाइटवेट कमांड लॉन्च यूनिट्स या ब्लॉक 1 सीएलयू, बेसिक स्किल्स ट्रेनर्स एंड मिसाइल सिमुलेशन राउंड्स, बैटरी कूलेंट यूनिट्स, इंटरएक्टिव इलेक्ट्रॉनिक टेक्निकल मैनुअल्स एंड ऑपरेटर मैनुअल्स, लाइफसाइकिल सपोर्ट, स्पेयर पार्ट्स और यूएस एजेंसीज से टेक्निकल असिस्टेंस शामिल हैं।
अमेरिका भारत को एक्सकैलिबर प्रिसिजन प्रोजेक्टाइल्स भी देगा
DSCA ने कहा है कि जेवलीन पैकेज से आर्मर्ड खतरों का सामना करने की भारत की क्षमता बढ़ जाएगी। इससे यूएस फोर्सेज के साथ सहयोग में भी मदद मिलेगी। दूसरे पैकेज को तहत भारत को अमेरिका एक्सकैलिबर प्रिसिजन प्रोजेक्टाइल्स की सप्लाई करेगा। डीएससीए की तरफ से एक अलग नोटिफिकेशन में 216M982A1 एक्सकैलिबर प्रिसिजन-गाइडेड आर्टलरी राउंड्स की संभावित बिक्री के एप्रूवल की जानकारी दी गई है।
डील से इंडिया और अमेरिका के बीच स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप बढ़ेगी
दूसरे पैकेज की अनुमानित वैल्यू 4.71 करोड़ डॉलर है। इसमें पोर्टेबल इलेक्ट्रॉनिक फायर कंट्रोल सिस्टम, प्राइमर्स एंड प्रोपेलेंट चार्जेज, टेक्निकल डेटा, रिपेयर एंड रिटर्न सर्विसेज और एसोसिएटेड लॉजिस्टिक्स एंड प्रोग्राम सपोर्ट शामिल हैं। एक्सकैलिबर राउंड जीपीएस गाइडेड सिस्टम है। यह हाई एक्युरेसी के साथ टारगेट को निशाना बना सकता है। इससे इंडिया की प्रिसिजन-स्ट्राइक कपैबिलिटी बढ़ेगी। डीएससीए ने कहा है कि इस प्रस्तावित डील से इंडिया और अमेरिका के बीच स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप बढ़ेगी।