'कश्मीर के स्कूलों में वंदे मातरम की 150वीं वर्षगांठ मनाने की अनुमति मैंने नहीं दी': विवाद पर बोले उमर अब्दुल्ला

150 Years of Vande Mataram: जम्मू-कश्मीर के संस्कृति विभाग ने पूरे केंद्रशासित प्रदेश के स्कूलों से 'वंदे मातरम' की 150वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में भाग लेने की अपील की गई थी। इस आदेश का जम्मू-कश्मीर के कई धार्मिक संगठनों के गठबंधन मुत्तहिदा मजलिस-ए-उलेमा ने कड़ा विरोध किया। उन्होंने इसे जबरदस्ती वाला आदेश करार देते हुए इसे तुरंत वापस लेने की मांग की

अपडेटेड Nov 07, 2025 पर 5:37 PM
Story continues below Advertisement
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि ऐसे मामलों में बाहरी निर्देश नहीं होने चाहिए

150 Years of Vande Mataram: जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने शुक्रवार (7 नवंबर) को कहा कि उन्होंने स्कूलों में राष्ट्रीय गीत 'वंदे मातरम' की 150वीं वर्षगांठ मनाने की अनुमति नहीं दी है। उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में बाहरी निर्देश नहीं होने चाहिए। सीएम ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश के शासन में कोई हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए। अब्दुल्ला ने पत्रकारों से कहा, "यह निर्णय कैबिनेट द्वारा नहीं लिया गया है, न ही शिक्षा मंत्री ने इस पर हस्ताक्षर किए हैं। हमें इन मामलों में बाहरी निर्देश के बिना ही अपने स्कूलों के बारे में तय करना चाहिए।"

30 अक्टूबर को जम्मू-कश्मीर के संस्कृति विभाग ने पूरे केंद्रशासित प्रदेश के स्कूलों से 'वंदे मातरम' की 150वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में भाग लेने की अपील की गई थी। इस आदेश का जम्मू-कश्मीर के कई धार्मिक संगठनों के गठबंधन मुत्तहिदा मजलिस-ए-उलेमा (एमएमयू) ने कड़ा विरोध किया। उन्होंने इसे जबरदस्ती वाला आदेश करार देते हुए इसे तुरंत वापस लेने की मांग की।

उनका तर्क था कि गीत के कुछ हिस्से इस्लामी मान्यताओं के विपरीत हैं। अब्दुल्ला शुक्रवार को बडगाम विधानसभा क्षेत्र में चुनाव प्रचार कर रहे थे, जहां 11 नवंबर को उपचुनाव के तहत मतदान होना है। अब्दुल्ला ने विधानसभा चुनाव में गंदेरबल के साथ बडगाम सीट से भी जीत हासिल की थी और बाद में उसे छोड़ दिया था। इस कारण इस सीट पर उपचुनाव कराया जा रहा है।


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'वंदे मातरम' के 150 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में एक साल तक मनाए जाने वाले देशव्यापी उत्सव की शुक्रवार को शुरुआत की। पीएम मोदी ने इस अवसर पर दिल्ली के इंदिरा गांधी इनडोर स्टेडियम में एक स्मारक डाक टिकट और सिक्का भी जारी किया।

यह कार्यक्रम 7 नवंबर 2025 से सात नवंबर 2026 तक मनाए जाने वाले एक साल के 'राष्ट्रव्यापी स्मरणोत्सव' की औपचारिक शुरुआत है। इस उत्सव में उस कालजयी रचना के 150 वर्ष पूरे होने का जश्न मनाया जाएगा। इसने भारत के स्वतंत्रता आंदोलन को प्रेरित किया और राष्ट्रीय गौरव एवं एकता को बनाए रखने में अहम भूमिका निभाई।

बंकिम चंद्र चटर्जी ने सात नवंबर 1875 को अक्षय नवमी के अवसर पर राष्ट्रीय गीत 'वंदे मातरम' की रचना की थी। 'वंदे मातरम' पहली बार साहित्यिक पत्रिका 'बंगदर्शन' में चटर्जी के उपन्यास 'आनंदमठ' के एक भाग के रूप में प्रकाशित हुआ था।

केंद्रीय आयुष मंत्री प्रतापराव जाधव ने शुक्रवार को कहा कि भारत की प्रगति हमारी विरासत के संरक्षण के साथ-साथ होनी चाहिए। उनके मंत्रालय ने 'वंदे मातरम' गीत के 150 वर्ष पूरे होने पर नई दिल्ली में एक सामूहिक गायन कार्यक्रम आयोजित किया।

यह कार्यक्रम संस्कृति मंत्रालय द्वारा इस उपलब्धि को चिह्नित करने के लिए राष्ट्रव्यापी पहल के अनुरूप आयुष भवन में आयोजित किया गया था। एक बयान में कहा गया है कि मंत्री ने मुख्य अतिथि के रूप में कार्यक्रम में भाग लिया। अधिकारियों एवं मंत्रालय के कर्मचारियों के साथ सामूहिक राष्ट्रगीत का गायन किया।

इस अवसर पर उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए जाधव ने कहा, "वंदे मातरम के 150 वर्ष पूरे होने का जश्न मनाते हुए हम उस गीत का सम्मान करते हैं जो राष्ट्रीय जागृति का एक शक्तिशाली प्रतीक और ब्रिटिश शासन के खिलाफ संघर्ष में एक नारा बन गया।"

ये भी पढ़ें- Vande Mataram: 'नेहरू ने जानबूझकर वंदे मातरम से हटवाए मां दुर्गा के छंद'; पीएम मोदी के बाद BJP का कांग्रेस पर बड़ा आरोप

मंत्री ने कहा कि 'वंदे मातरम' में देशभक्ति की जो भावना व्यक्त हुई। वहीं, भावना 1857 के विद्रोह के दौरान पहली बार राष्ट्र में जागृत हुई थी। उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री मोदी ने हमेशा इस बात पर जोर दिया है कि विकास के साथ-साथ हमारी विरासत का भी संरक्षण किया जाना चाहिए। राष्ट्र प्रगति करेगा, लेकिन हमारी विरासत को भी उसके साथ आगे बढ़ना होगा।"

हिंदी में शेयर बाजार स्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।