Vijay’s Karur Rally Stampede: विजय की रैली में मची भगदड़ में 17 महिलाओं और 9 बच्चों समेत 39 की मौत, आखिर कैसे हुआ ये भयानक हादसा? जानिए

Vijay's Rally Stampede: भीड़ में अव्यवस्था बढ़ने का एक बड़ा कारण लंबा इंतजार रहा। दशकों से अपनी लोकप्रियता के दम पर भीड़ को आकर्षित करने वाले विजय रैली में करीब छह घंटे देर से पहुंचे। घुटन भरी परिस्थितियों में पहले से ही बेकाबू हो चुकी भीड़, विजय के मंच पर आते ही बेतहाशा मंच की तरफ बढ़ने लगी। इसी दौरान भगदड़ मची, लोग गिरे और दम घुटने से कई जानें चली गईं

अपडेटेड Sep 28, 2025 पर 10:38 AM
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मद्रास हाईकोर्ट ने इस त्रासदी से कुछ ही हफ्ते पहले विजय की रैलियों में सुरक्षा खामियों को लेकर चेतावनी दी थी

TVK Rally in Karur: अभिनेता से राजनेता बने थलपति विजय की पार्टी तमिलगा वेट्री कझगम (TVK) की करूर रैली में हुए भीषण हादसे से तमिलनाडु सहित पूरा देश शोक में डूब गया है। रैली में भगदड़ मचने से 39 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई है, जिनमें 9 बच्चे और 17 महिलाएं शामिल हैं। इस त्रासदी ने भीड़ के मैनेजमेंट की गंभीर विफलता और सुरक्षा नियमों की अनदेखी पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए है। आइए आपको बताते हैं इस हादसे की क्या वजहें रही और कैसे हुआ ये भयानक हादसा।

भीड़ के सैलाब से ध्वस्त हो गई व्यवस्था

TVK ने करूर पुलिस को बताया था कि रैली में लगभग 10,000 लोगों के आने की उम्मीद है, लेकिन शनिवार शाम तक यह संख्या अप्रत्याशित रूप से 30,000 से 35,000 तक पहुंच गई। यह संख्या आयोजन स्थल की सुरक्षा और लॉजिस्टिक्स कैपेसिटी से कई गुना ज्यादा थी, जिसने पूरी व्यवस्था को ध्वस्त कर दिया। आयोजन स्थल बड़ी भीड़ के लिए बिल्कुल तैयार नहीं था। आने-जाने के रास्ते बहुत संकरे थे।बाहर निकलने के रास्ते ठीक से चिह्नित नहीं किए गए थे, और भीड़ को नियंत्रित करने के लिए कर्मचारियों की संख्या बहुत कम थी।


पुलिस ने स्टेज के चारों ओर बैरिकेडिंग, अलग एंट्री-एग्जिट पॉइंट और बफर जोन बनाने जैसी कई अनिवार्य शर्तें रखी थीं। चश्मदीदों के मुताबिक, इन नियमों को या तो पूरी तरह से अनदेखा किया गया या अपर्याप्त रूप से लागू किया गया। जैसे ही लोग स्टेज की तरफ बढ़े, बैरिकेड्स टूट गए, और बाहर निकलने का रास्ता न होने के कारण स्थिति भयानक हो गई।

6 घंटे के इंतजार के बाद आए विजय और मंच की तरफ दौड़ पड़े लोग

भीड़ में अव्यवस्था बढ़ने का एक और बड़ा कारण था लंबा इंतजार रहा। दशकों से अपनी लोकप्रियता के दम पर भीड़ को आकर्षित करने वाले विजय रैली में करीब छह घंटे देर से पहुंचे। घुटन भरी परिस्थितियों में पहले से ही बेकाबू हो चुकी भीड़, विजय के मंच पर आते ही बेतहाशा मंच की तरफ बढ़ने लगी। इसी दौरान भगदड़ मची, लोग गिरे और दम घुटने से कई जानें चली गईं।

मंच से विजय ने लगाई गुहार पर हो गई थी देर

भगदड़ मचते ही एक्टर विजय खुद भी स्टेज पर परेशान नजर आए। उन्हें ये चिल्लाते हुए सुना गया कि, 'पुलिस, कृपया मदद करें!' उन्होंने भीड़ पर पानी की बोतलें भी फेंकी और मौके पर एम्बुलेंस की व्यवस्था करने की कोशिश की, लेकिन दर्जनों लोगों के लिए यह राहत बहुत देर से आई। अत्यधिक भीड़ के कारण एम्बुलेंस को भी घायलों तक पहुंचने में देरी हुई, जिससे फर्स्ट एड मिलने में विलंब हुआ।

अस्पताल घायलों से भरे हुए है। 60 से अधिक लोग अभी भी भर्ती हैं। हृदय विदारक दृश्यों में एक पिता को अपने बच्चे के बेजान शरीर को गोद में लिए रोते देखा गया। भगदड़ बेकाबू होते ही विजय ने अपना भाषण अचानक खत्म कर दिया और बाद में उन्होंने पत्रकारों से बात किए बिना तिरुचिरापल्ली हवाई अड्डे से चेन्नई के लिए निकल गए।

मद्रास हाईकोर्ट ने पहले ही दी थी चेतावनी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस घटना पर दुख व्यक्त किया है, वहीं मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने मृतकों के परिजनों के लिए ₹10 लाख के मुआवजे की घोषणा की है और रिटायर्ड जज अरुणा जगदीसन की अध्यक्षता में न्यायिक जांच का आदेश दिया है सबसे दिलचस्प बात तो ये है कि मद्रास हाईकोर्ट ने इस त्रासदी से कुछ ही हफ्ते पहले विजय की रैलियों में सुरक्षा खामियों को लेकर चेतावनी दी थी। कोर्ट ने कहा था कि अगर सुरक्षा चूक जारी रही तो जानमाल का नुकसान हो सकता है। अदालत ने DMK सरकार से भी पूछा था कि अगर जानें गईं तो कौन जिम्मेदारी लेगा। इसके साथ ही कोर्ट ने सभी राजनीतिक पार्टियों की सभाओं के लिए समान सुरक्षा नियम बनाने का निर्देश दिया था। दुर्भाग्य से शनिवार को कोर्ट की वह भयानक चेतावनी सच साबित हो गई और 39 आम लोगों की दर्दनाक मौत हो गई।

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