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La Nina: ला नीना की वजह से इस साल भारत में पड़ेगी भयंकर ठंड! जानिए क्या होता है ये?

La Nina: ला नीना एक ठंडी जलवायु वाली घटना है। इसे अल नीनो-दक्षिणी दोलन (ENSO) चक्र के 'शीत चरण' के रूप में भी जाना जाता है। प्रशांत समुद्री पर्यावरण प्रयोगशाला (PMEL) के अनुसार, ला नीना की विशेषता भूमध्यरेखीय प्रशांत महासागर में असामान्य रूप से ठंडे समुद्र का तापमान से है

अपडेटेड Sep 20, 2025 पर 1:48 PM
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ला नीना के कारण खासकर उत्तर भारत में ज्यादा ठंड पड़ने की संभावना है

La Nina: देश में मानसून का सीजन अब खत्म होने को है और भारत में जल्द ही सर्दी का मौसम दस्तक देगा। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने हाल ही में घोषणा की है कि देश के कुछ हिस्सों से मानसून 15 सितंबर तक वापस चला जाएगा। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या इस साल की सर्दियां ज्यादा ठंडी होंगी? माना जा रहा है कि इस साल मौसम को ला नीना नाम की एक जलवायु घटना प्रभावित करेगी जिससे हाड़ कंपाने वाली सर्दी पड़ सकती है। आइए आपको बताते हैं आखिर ये है क्या और इसके क्या हो सकते है प्रभाव।

ला नीना क्या है?

ला नीना एक ठंडी जलवायु वाली घटना है। इसे अल नीनो-दक्षिणी दोलन (ENSO) चक्र के 'शीत चरण' के रूप में भी जाना जाता है। प्रशांत समुद्री पर्यावरण प्रयोगशाला (PMEL) के अनुसार, ला नीना की विशेषता भूमध्यरेखीय प्रशांत महासागर में असामान्य रूप से ठंडे समुद्र का तापमान है, जबकि इसके विपरीत अल नीनो में इसी क्षेत्र में असामान्य रूप से गर्म समुद्र का तापमान होता है। मूल रूप से इस शब्द का संबंध क्रिसमस से था, क्योंकि यह घटना अक्सर इसी शीतकालीन त्योहार के आसपास आती थी।


भारत की सर्दियों पर क्या होगा असर?

विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) ने सितंबर की शुरुआत में एक बयान में कहा था कि ला नीना इस महीने से मौसम और जलवायु पैटर्न को प्रभावित करने के लिए लौट सकता है। हालांकि, संगठन ने यह भी बताया कि इस घटना के अस्थायी शीतलन प्रभाव के बावजूद, अधिकांश देशों में वैश्विक तापमान के औसत से ऊपर रहने की उम्मीद है। भारत के लिए, ला नीना के कारण खासकर उत्तर भारत में ज्यादा ठंड पड़ने की संभावना है। IMD ने बताया है कि यह मौसम पैटर्न, जो प्रशांत महासागर को ठंडा करता है, उत्तर भारत में अधिक पाला और तेज शीतलहर से जुड़ा हुआ है।

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