Aadhaar: 'आधार नहीं है नागरिकता का प्रमाण', UIDAI प्रमुख ने क्यों कहा ऐसा? जानिए

UIDAI Chief: भुवनेश कुमार ने बताया कि आधार कार्ड कोई भी व्यक्ति बनवा सकता है, जिसमें भारतीय नागरिक, बच्चे, और यहां तक कि विदेशी नागरिक भी शामिल हैं। शर्त सिर्फ इतनी है कि विदेशी व्यक्ति को भारत में कम से कम 182 दिन रहना जरूरी है

अपडेटेड Sep 09, 2025 पर 8:38 AM
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UIDAI प्रमुख ने समझाया कि आधार बाकी आईडी जैसे ड्राइविंग लाइसेंस या पासपोर्ट से अलग है, क्योंकि यह एक 'फाउंडेशनल आईडी' है

Aadhaar: बिहार में SIR चल रहा है, जिसे लेकर सियासी पारा उफान पर है। SIR से मोटा-मोटी तात्पर्य अवैध वोटरों की पहचान करके उन्हें वोटर लिस्ट से बाहर करना है। इसके लिए चुनाव आयोग कुछ दस्तावेज लोगों से मांग रहा हैं जिसे लेकर विपक्ष नाराजगी जता रहा है। विपक्ष, आधार को इसके लिए एक दस्तावेज बनाने की मांग कर रहा था जिसे बीते दिनों सुप्रीम कोर्ट से मंजूरी मिल गई। हालांकि अक्सर लोगों में एक बड़ी गलतफहमी रहती है कि यह नागरिकता का प्रमाण है। इसे लेकर भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण(UIDAI) के प्रमुख भुवनेश कुमार ने सोमवार को एक अहम बयान दिया है। उन्होंने साफ कहा है कि आधार कार्ड नागरिकता का सबूत नहीं है, क्योंकि इसे कोई भी बनवा सकता है। आइए आपको बताते हैं और क्या-क्या कहा उन्होंने।

क्यों नागरिकता का सबूत नहीं है आधार?

भुवनेश कुमार ने बताया कि आधार कार्ड कोई भी व्यक्ति बनवा सकता है, जिसमें भारतीय नागरिक, बच्चे, और यहां तक कि विदेशी नागरिक भी शामिल हैं। शर्त सिर्फ इतनी है कि विदेशी व्यक्ति को भारत में कम से कम 182 दिन रहना जरूरी है। इसके अलावा, नेपाल और भूटान के नागरिक, और OCI कार्ड धारक भी 182 दिन भारत में रहने के बाद आधार के लिए आवेदन कर सकते हैं। कुमार ने साफ किया कि आधार कार्ड सिर्फ एक पहचान का प्रमाण है, नागरिकता का नहीं।


बाकी ID से क्यों अलग है आधार?

UIDAI प्रमुख ने समझाया कि आधार बाकी आईडी जैसे ड्राइविंग लाइसेंस या पासपोर्ट से अलग है, क्योंकि यह एक 'फाउंडेशनल आईडी' है। आधार बनाते समय 10 उंगलियों के निशान, दो आंखों की पुतलियों के स्कैन और चेहरे को मिलाकर कुल 13 बायोमेट्रिक जानकारी ली जाती है। यह जानकारी एक सेंट्रल डेटाबेस में सेव होती है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि देश में किसी भी दो व्यक्तियों का आधार एक जैसा नहीं हो सकता। इसकी वजह से आधार की प्रामाणिकता की जांच किसी भी जगह पर, बिना इंटरनेट के भी, आसानी से की जा सकती है।

सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?

UIDAI प्रमुख का यह बयान सुप्रीम कोर्ट के उस निर्देश के बाद आया है, जिसमें कोर्ट ने चुनाव आयोग से कहा था कि बिहार में मतदाता सूची की समीक्षा के दौरान पहचान के लिए आधार कार्ड को 12वें दस्तावेज के रूप में स्वीकार किया जाए। कोर्ट ने हालांकि यह भी साफ किया कि चुनाव अधिकारी आधार की प्रामाणिकता की जांच के लिए और दस्तावेज मांग सकते हैं।

Abhishek Gupta

Abhishek Gupta

First Published: Sep 09, 2025 8:19 AM

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