Ex-Agniveers Jobs: केंद्र ने सभी राज्यों और केंद्र-शासित प्रदेशों से कहा है कि वे पूर्व अग्निवीरों की निजी सुरक्षा एजेंसियों और ट्रेनिंग संस्थानों में भर्ती सुनिश्चित करें। क्योंकि उनके पास सशस्त्र बलों में काम करने का अनुभव है। अधिकारियों ने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सशस्त्र बलों में अपना कार्यकाल पूरा करने वाले अग्निवीरों के आगे के कैरियर को दिशा देने के लिए सभी राज्यों और केंद्र-शासित प्रदेशों को पत्र भेजा है।
जून 2022 में केंद्र ने अग्निपथ भर्ती योजना शुरू की थी। इसके तहत तीनों सेनाओं में साढ़े 17 से 21 साल की आयु वर्ग के युवाओं को चार वर्षों के लिए भर्ती करने का प्रावधान है। इनमें से 25 प्रतिशत युवाओं को अगले 15 वर्षों तक सेवा में बनाए रखने की व्यवस्था की गई है। अग्निवीरों का पहला बैच अगले साल अपना चार साल का सेवाकाल पूरा करेगा।
पत्र में कहा गया है कि इस मंत्रालय के पुलिस दो प्रभाग को एक सिस्टम तैयार करने का निर्देश दिया गया है। इसके तहत सरकारी विभागों, एजेंसियों, बैंकों आदि द्वारा आउटसोर्स की गई सुरक्षा प्रदाता एजेंसियों में अग्निवीरों के समायोजन को सुनिश्चित किया जा सके।
गृह मंत्रालय की ओर से राज्यों/केंद्र-शासित प्रदेशों के प्राइवेट सिक्योरिटी एजेंसी रेगुलेशन एक्ट के कंट्रोलिंग अथॉरिटी को 11 सितंबर को लिखे गए पत्र में कहा गया है, "सूचित किया है कि सुरक्षा एजेंसियों में भारी भर्ती को देखते हुए, शीर्ष 10 सुरक्षा प्रदाता एजेंसियों को अग्निवीरों को नियुक्त करने के लिए संवेदनशील बनाया जा सकता है।"
पत्र में पीएसएआरए की धारा 10(3) का हवाला दिया गया है। इसके तहत सशस्त्र बलों में सेवा दे चुके व्यक्तियों को रोजगार में वरीयता देने का प्रावधान है। इसमें कहा गया है कि प्रत्येक प्राइवेट सुरक्षा एजेंसी, किसी व्यक्ति को निजी सुरक्षा गार्ड के रूप में नियुक्त करते समय, ऐसे व्यक्ति को वरीयता दे सकती है। इसने सेना, नौसेना, वायु सेना या संघ के किसी अन्य सशस्त्र बल, पुलिस या राज्यों की सशस्त्र कांस्टेबुलरी और होम गार्ड में सेवा दी हो।
लेटर के मुताबिक, "अग्निवीरों के पास सेवा में लगभग चार साल का अनुभव होता है। इसलिए, निजी सुरक्षा एजेंसियां निजी सुरक्षा गार्ड और पर्यवेक्षकों की नियुक्ति/नियोजन के दौरान उन्हें वरीयता दे सकती हैं।"इसमें कहा गया है कि अधिकारी शीर्ष 10 सुरक्षा प्रदाता एजेंसियों को अग्निवीरों को अपने यहां नियुक्त करने के लिए प्रोत्साहित करें।
पीटीआई के मुताबिक, इसमें में कहा गया है कि राज्यों/केंद्र-शासित प्रदेशों से भी इसी तरह की कार्रवाई करने का अनुरोध किया जा सकता है तथा उनके द्वारा नियुक्त सुरक्षा प्रदाता एजेंसियों को अग्निवीरों को अपने यहां नियुक्त करने के लिए प्रोत्साहित किया जा सकता है।