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West Bengal Teachers Recruitment Scam: सुप्रीम कोर्ट ने 25,753 टीचरों की नियुक्ति को ठहराया अवैध, BJP ने की सीएम ममता के इस्तीफे की मांग

West Bengal Teachers Recruitment Scam: भारतीय जनता पार्टी (BJP) की पश्चिम बंगाल इकाई ने करीब 26,000 शिक्षकों की दुर्दशा के लिए गुरुवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को जिम्मेदार ठहराते हुए उनके इस्तीफे की मांग की। शीर्ष अदालत ने 25,753 शिक्षकों की नियुक्तियों को सुप्रीम कोर्ट ने अमान्य घोषित कर दिया है

अपडेटेड Apr 03, 2025 पर 2:49 PM
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West Bengal Teacher Scam 2016: सुप्रीम कोर्ट ने दिव्यांग कर्मचारियों को मानवीय आधार पर छूट देते हुए कहा कि वे नौकरी में बने रहेंगे

West Bengal Teacher Scam 2016: पश्चिम बंगाल सरकार को बड़ा झटका देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने राज्य में सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में 25,753 शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों की नियुक्ति को गुरुवार (3 अप्रैल) को अवैध करार दिया। कलकत्ता हाई कोर्ट के फैसले के संबंध में 127 याचिकाओं पर निर्णय सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा, "हमारे विचार में यह ऐसा मामला है जिसमें पूरी चयन प्रक्रिया को अमान्य करार दिया। बड़े पैमाने पर हेरफेर और धोखाधड़ी के साथ-साथ मामले को छिपाने के प्रयासों ने चयन प्रक्रिया को इतना नुकसान पहुंचाया है कि उसे दुरुस्त नहीं किया जा सकता।"

चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की पीठ ने नियुक्तियों को रद्द करने संबंधी कलकत्ता हाई कोर्ट के 22 अप्रैल 2024 के फैसले को बरकरार रखते हुए कहा, "चयन की विश्वसनीयता और वैधता कम हो गई है, इसलिए हमें इसे (उच्च न्यायालय के आदेश को) कुछ संशोधनों के साथ बरकरार रखना होगा।" फैसला सुनाते हुए CJI ने कहा कि जिन कर्मचारियों की नियुक्तियां रद्द की गई हैं। उन्हें अब तक अर्जित सैलरी और अन्य भत्ते वापस करने की जरूरत नहीं है।

दिव्यांग कर्मचारियों को राहत


न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, हालांकि शीर्ष अदालत ने दिव्यांग कर्मचारियों को मानवीय आधार पर छूट देते हुए कहा कि वे नौकरी में बने रहेंगे। पीठ ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की जांच संबंधी हाई कोर्ट के निर्देश को चुनौती देने वाली पश्चिम बंगाल सरकार की याचिका पर सुनवाई के लिए चार अप्रैल की तारीख तय की। शीर्ष अदालत ने 10 फरवरी को मामले से संबंधित कई याचिकाओं पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। कोर्ट ने कहा कि जिन लोगों को गलत तरीके से नौकरी मिली है, उन्हें हटाया जा सकता है।

शीर्ष अदालत ने राज्य सरकार को नए सिरे से चयन प्रक्रिया शुरू करने और इसे तीन महीने के भीतर पूरा करने का भी आदेश दिया। शीर्ष अदालत ने पिछले साल 19 दिसंबर को अंतिम सुनवाई शुरू की और राजनीतिक रूप से संवेदनशील मामले पर अपना फैसला सुरक्षित रखने से पहले 15, 27 जनवरी और 10 फरवरी को सभी पक्षों की दलीलें सुनीं।

हाई कोर्ट का फैसला

ओएमआर शीट से छेड़छाड़ और अन्य अनियमितताओं का हवाला देते हुए हाई कोर्ट ने पश्चिम बंगाल में राज्य द्वारा संचालित और सरकारी-सहायता प्राप्त स्कूलों में 25,753 शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की नियुक्ति को अमान्य कर दिया था। पिछले साल सात मई को शीर्ष अदालत ने राज्य के स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) द्वारा की गई नियुक्तियों को लेकर हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी थी। हालांकि, शीर्ष अदालत ने सीबीआई को मामले की जांच जारी रखने की अनुमति दी।

क्या है पूरा मामला?

यह मामला पश्चिम बंगाल एसएससी द्वारा आयोजित 2016 की भर्ती प्रक्रिया में कथित अनियमितताओं से जुड़ा है। इसमें 24,640 पदों के लिए 23 लाख उम्मीदवार शामिल हुए थे। कुल 25,753 नियुक्ति पत्र जारी किए गए थे। शीर्ष अदालत ने इसे व्यवस्थित धोखाधड़ी करार दिया था। पश्चिम बंगाल के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी और तृणमूल कांग्रेस के विधायक माणिक भट्टाचार्य एवं जीवन कृष्ण साहा भर्ती घोटाले में जांच के दायरे में आने वाले आरोपियों में शामिल हैं।

बीजेपी ने ममता से की इस्तीफे की मांग

भारतीय जनता पार्टी (BJP) की पश्चिम बंगाल इकाई ने करीब 26,000 शिक्षकों की दुर्दशा के लिए गुरुवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को जिम्मेदार ठहराते हुए उनके इस्तीफे की मांग की।

बीजेपी की पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष और केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री सुकांत मजूमदार ने X पर एक पोस्ट में कहा, "शिक्षक भर्ती में इतने बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार की पूरी जिम्मेदारी राज्य की विफल मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की है। उच्चतम न्यायालय के फैसले ने यह स्पष्ट कर दिया है कि ममता बनर्जी के शासन में कैसे पश्चिम बंगाल में शिक्षित बेरोजगार युवाओं की योग्यता को पैसे के बदले बेचा गया।"

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मजूमदार ने कहा, "मैं नाकाम मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से इस भ्रष्टाचार की पूरी जिम्मेदारी लेने और उनके तत्काल इस्तीफे की मांग करता हूं। अब और माफी नहीं।"

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