हममें से ज्यादातर लोग बाजार से कुछ भी खरीदते समय ब्रांड, स्वाद या कीमत पर ध्यान देते हैं, लेकिन पैकेट के पीछे लिखी उस छोटी सी तारीख को अक्सर नजरअंदाज कर देते हैं। यही तारीख कभी "बेस्ट बिफोर" होती है तो कभी "एक्सपायरी डेट"। कई लोग इन दोनों को एक ही मानकर चलते हैं, लेकिन सच्चाई ये है कि ये दोनों तारीखें अलग-अलग बातें बताती हैं। एक बताती है कि सामान स्वाद या क्वालिटी में कब तक बेहतरीन रहेगा, तो दूसरी बताती है कि इसके बाद इसका इस्तेमाल स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकता है।
अगर आप भी इन दोनों को समझे बिना कोई प्रोडक्ट इस्तेमाल करते हैं, तो ये लापरवाही आपको बीमार भी कर सकती है। इसलिए अब वक्त है समझदारी दिखाने का—पैक खोलने से पहले उसकी डेट को समझिए, वरना पछताना पड़ सकता है।
एक्सपायरी डेट वो अंतिम तारीख होती है जब तक उस प्रोडक्ट का इस्तेमाल सुरक्षित माना जाता है। इसके बाद उसका सेवन सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है।
खासकर दवाइयों और डेयरी प्रोडक्ट्स में ये डेट बेहद अहम होती है।
जैसे ब्रेड में फंगस लगना, दूध में खटास आना—ये सभी संकेत हैं कि चीज अब खराब हो चुकी है।
एक्सपायरी के बाद इस्तेमाल करने से फूड पॉइजनिंग तक हो सकती है।
बेस्ट बिफोर डेट बताती है कि उस तारीख तक प्रोडक्ट का टेस्ट, टेक्सचर और खुशबू सर्वश्रेष्ठ रहेगी।
ये ड्राई फूड, स्नैक्स, चॉकलेट, कॉस्मेटिक प्रोडक्ट्स आदि में आमतौर पर लिखी होती है।
इस डेट के बाद सामान खराब नहीं होता, लेकिन स्वाद या रंग थोड़ा बदल सकता है।
बेस्ट बिफोर डेट के बाद क्या करें?
अगर आप सोच रहे हैं कि बेस्ट बिफोर डेट निकलने के बाद क्या उस प्रोडक्ट को फेंक देना चाहिए, तो जवाब है—जरूरी नहीं।
अगर पैक सही है, कोई अजीब गंध नहीं है और सामान ठीक दिख रहा है, तो इस्तेमाल किया जा सकता है।
पर अगर पैकेट फूला हुआ हो, बदबू आ रही हो या रंग-स्मेल बदली हो, तो फेंक देना ही बेहतर है।
ध्यान रखें, सही स्टोरेज (जैसे एयरटाइट कंटेनर) से प्रोडक्ट ज्यादा समय तक चल सकता है।
अगर किसी प्रोडक्ट की तारीख को लेकर जरा भी शंका हो, तो सेहत के लिए 'No Risk Policy' अपनाएं। थोड़ी सी लापरवाही आपको बीमार कर सकती है। इसलिए तारीख जरूर पढ़ें, समझें और सही फैसला लें।