आज के तेज रफ्तार जिंदगी में एंग्जायटी यानी घबराहट होना आम बात है। घबराहट दिमाग की एक सामान्य और प्राकृतिक प्रतिक्रिया होती है, जो मुश्किल या अनजान हालात में हमें सावधान रखती है। लेकिन अगर ये घबराहट लंबे समय तक बनी रहती है तो ये मेंटल हेल्थ के लिए भी नुकसानदायक हो सकती है। लगातार एंग्जायटी रहने से इंसान थका हुआ और बेचैन महसूस करता है। धीरे-धीरे इसका असर दिमाग के साथ-साथ शरीर की सेहत पर भी पड़ने लगता है।
जब कोई व्यक्ति लगातार घबराहट और एंग्जायटी में रहता है, तो उसका नर्वस सिस्टम हमेशा तनाव में रहता है। बार-बार चिंता करने और ज्यादा सोचने से हम अपनी सेहत का ध्यान नहीं रख पाते हैं। इसका असर धीरे-धीरे शरीर पर पड़ता है और कई तरह की शारीरिक समस्याएं होने लगती हैं। इन आसान टिप्स की मदद से आप घबराहट को कम कर सकते हैं।
खुद पर ध्यान दें
एंग्जायटी को संभालने की शुरुआत खुद को थोड़ी देर रोकने और अपने ऊपर ध्यान देने से होती है। इसके लिए सबसे पहले यह समझना जरूरी है कि किन बातों से घबराहट बढ़ती है। फिर अपने शरीर की स्थिति, सांस लेने की गति और मन की हालत पर ध्यान देकर खुद को शांत करने की कोशिश करनी चाहिए। थोड़ा रुककर गहरी सांस लेना और खुद को संभालना शांति वापस लाने में मदद करता है।
गहरी सांस लें
घबराहट या तनाव की स्थिति में हमारी सांसें तेज हो जाती हैं। ऐसे समय में अपनी सांस पर ध्यान देना बहुत जरूरी होता है। धीरे-धीरे और गहरी सांस लेने से शरीर और दिमाग दोनों शांत होने लगते हैं। जब सांस काबू में रहती है, तो सोच साफ रहती है और सही फैसले लेना आसान हो जाता है।
एक्सरसाइज करें
धीमी और हल्की एक्सरसाइज से शरीर का तनाव कम होता है। रोज योग करना, थोड़ा टहलना या कोई आसान शारीरिक काम करने से मन और शरीर दोनों को आराम मिलता है। इससे स्ट्रेस धीरे-धीरे कम होता है और आप खुद को ज्यादा बेहतर महसूस करने लगते हैं।
अपना पसंदीदा काम करें
रोजमर्रा की जिंदगी में कुछ ऐसे छोटे-छोटे काम तय करें जो आपको सुरक्षित और आराम महसूस कराएं। ये सेफ और सुकून देने वाले रिचुअल्स बहुत साधारण हो सकते हैं, जैसे लंच ब्रेक में पसंदीदा म्यूजिक सुनना या कुछ हल्का-फुल्का देखना। ऐसी आदतें मन को शांत रखने में मदद करती हैं और तनाव को कम करती हैं।
किसी के साथ शेयर करें
थकावट या हालात बिगड़ने से पहले खुद को थोड़ा आराम देना बहुत जरूरी है। बीच-बीच में ब्रेक लेकर दिमाग को रिचार्ज करें, ताकि घबराहट बढ़ाने वाले पैटर्न टूट सकें। साथ ही, अगर आपके पास कोई भरोसेमंद इंसान है, तो उससे अपनी परेशानी खुलकर साझा करें। अकेले रहकर सब सहते रहना एंग्जायटी को और बढ़ा सकता है, इसलिए जुड़ाव और बातचीत बहुत मददगार होती है।
डिस्क्लेमर: यह लेख सिर्फ सामान्य जानकारी के लिए है। किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
हिंदी में शेयर बाजार, स्टॉक मार्केट न्यूज़, बिजनेस न्यूज़, पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App डाउनलोड करें।