सबसे पहले ऐसे पौधों को चुनें जो गर्मी हो या ठंडी हर मौसम में आसानी से रह सकें, जैसे गेंदा, गुलाब, सूरजमुखी, चमेली आदि। इन पौधों की देखभाल थोड़ी आसान होती है और यह हर मौसम में खिल उठते हैं।
पौधों को स्वस्थ रखने के लिए मिट्टी में लगातार नमी जरूर बनी रहे। पानी देते समय यह जरूर जांच लें कि मिट्टी सूखी है या नहीं। बहुत ज्यादा पानी भी नुकसान कर सकता है।
गर्मियों में सुबह या शाम के समय पौधों को पानी दें और ठंड के वक्त सिर्फ एक वक्त ताकि उन्हें पूरी नमी मिल सके। दिन की तेज धूप में पानी देने से बचें, इससे पौधों की जड़ें कमजोर हो सकती हैं।
अगर धूप बहुत तेज हो तो पौधों के लिए छांव का इंतजाम करें। गमलों को दीवार या छत की छांव में रखें ताकि सीधी धूप से बचाव हो सके।
गर्मियों में रासायनिक खाद के बजाय गोबर खाद या वर्मी कम्पोस्ट जैसे जैविक खाद ही डालें। इससे पौधे मजबूत बने रहते हैं।
सप्ताह में एक बार अपने पौधों की सूखी पत्तियां और कमजोर टहनियां हटा दें। इससे पौधा नई शाखाएं निकालता है और ज्यादा हरा-भरा दिखता है।
गमले या बगीचे की मिट्टी को समय-समय पर हल्के से उलट दें, इससे हवा पहुंचती है और पौधों की जड़ें स्वस्थ रहती हैं।
गर्मियों के मौसम में कीट संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है, इसलिए हफ्ते में एक बार जैविक या हल्के कीटनाशकों का छिड़काव जरूर करें।
इंडोर पौधों को हफ्ते में एक-दो बार कुछ घंटे के लिए बाहर खुली हवा और हल्की धूप में रखें, इससे उनका विकास तेज होता है।