रोटी हमारे रोजमर्रा के खाने का अहम हिस्सा है और इसके स्वाद और पोषण पर तवे का बहुत असर पड़ता है। ज्यादातर घरों में लोहे का तवा इस्तेमाल किया जाता है, क्योंकि ये जल्दी गर्म हो जाता है और रोटी जल्दी पक जाती है। हालांकि, इसका एक नुकसान ये है कि तवा ज्यादा गर्म होने पर रोटियां जल सकती हैं। इसके बावजूद, लोहे के तवे पर बनी रोटियां पोषक तत्वों से भरपूर होती हैं, जो शरीर को ताकत और ऊर्जा देती हैं। वहीं, सही तरीके से पकाई गई रोटी पाचन को भी बेहतर बनाती है और पेट से जुड़ी समस्याओं से बचाती है। इसलिए तवे का चुनाव रोटी की सेहत और स्वाद दोनों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। सही तवे का इस्तेमाल आपकी रोटियों को स्वादिष्ट, सेहतमंद और पोषण से भरपूर बनाता है।
लेकिन सबसे ज्यादा फायदेमंद माना जाता है मिट्टी का तवा। मिट्टी के तवे पर रोटियां सेंकने से रोटी में मौजूद सारे पोषक तत्व बरकरार रहते हैं। इसके अलावा, मिट्टी का तवा बहुत ज्यादा गर्म नहीं होता, जिससे रोटी जलती नहीं है और उसका स्वाद भी बढ़ जाता है। मिट्टी के तवे पर रोटियां सेंकने से रोटी में एक सौंधी खुशबू आती है जो खाने के अनुभव को और मजेदार बनाती है।
लोहे और नॉन-स्टिक तवे की तुलना
लोहे का तवा और कड़ाही नॉन-स्टिक परत वाली होती है। इन पर कम तेल में खाना पकाना आसान होता है। लोहे के तवे पर रोटियां सेंकने से पोषक तत्व बचे रहते हैं। लेकिन नॉन-स्टिक या आयोनाइज्ड तवे का इस्तेमाल सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है। इनमें मौजूद केमिकल्स लंबे समय में शरीर में जाकर गंभीर बीमारियों, जैसे कैंसर, का खतरा बढ़ा सकते हैं। इसलिए बेहतर यही है कि आप नॉन-स्टिक तवे का इस्तेमाल कम करें।
मिट्टी के तवे पर बनी रोटी खाने से पेट की समस्याएं, जैसे गैस, एसिडिटी और पेट दर्द, कम होती हैं। ये शरीर को खतरनाक बीमारियों से बचाने में भी मदद करता है। मिट्टी के तवे से पकाई गई रोटियां प्राकृतिक तरीके से पकती हैं, जिससे खाना आसानी से पचता है और सेहतमंद रहता है। रोजाना मिट्टी के तवे पर बनी रोटी खाने से शरीर को एनर्जी मिलती है और लंबे समय तक स्वास्थ्य बेहतर रहता है।
रोटी बनाने के लिए आपको मिट्टी या लोहे का तवा चुनना चाहिए। ये न सिर्फ सेहतमंद है बल्कि स्वाद में भी बेहतरीन होता है। नॉन-स्टिक और आयोनाइज्ड तवे से दूर रहें, क्योंकि इनमें मौजूद रासायनिक परत स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह हो सकती है। मिट्टी का तवा धीरे-धीरे गर्म होता है, जिससे रोटियों की तासीर और पोषण बरकरार रहते हैं।