मानसून के बाद का मौसम जितना सुहावना लगता है, उतना ही खतरनाक भी हो सकता है—खासकर जब बात हो सांपों की। बारिश थमते ही जहां एक ओर हरियाली बढ़ जाती है, वहीं दूसरी ओर यही हरियाली और नमी सांपों के लिए आदर्श माहौल बन जाती है। खेतों, झाड़ियों और गीली ज़मीन में ये ज़हरीले जीव चुपचाप छिपे रहते हैं और मौका मिलते ही हमला कर सकते हैं। गांवों, खेतों, और पुराने मकानों में तो ये खतरा और भी ज़्यादा होता है, क्योंकि यहां सांप आसानी से छुपने की जगह पा लेते हैं।
कई बार ये घरों में घुस आते हैं और अनजाने में लोगों को डस लेते हैं। दुर्भाग्य से लोग अक्सर इन्हें हल्के में ले लेते हैं या घरेलू उपायों में उलझे रहते हैं। जबकि सर्पदंश जानलेवा हो सकता है, अगर समय पर इलाज न मिले। ऐसे में सतर्कता और जानकारी ही सबसे बड़ा हथियार है।
दुनिया में हैं हजारों प्रजातियां
विशेषज्ञों के अनुसार, दुनिया भर में सांपों की लगभग 3,000 प्रजातियां हैं। इनमें से केवल 7 प्रतिशत ही जानलेवा मानी जाती हैं। फिर भी हर साल 55 से 60 लाख लोग सांपों के काटे जाने का शिकार बनते हैं। अगर समय रहते सही इलाज हो जाए, तो मृत्यु की आशंका काफी हद तक कम हो जाती है।
गांवों और खेतों में ज्यादा खतरा
बरसात के मौसम में खासतौर पर ग्रामीण इलाकों में सांपों का प्रकोप बढ़ जाता है। कई बार ये जीव घरों तक पहुंच जाते हैं, और इनमें से कई बेहद विषैले होते हैं। ऐसे में जरूरी है कि लोग सतर्क रहें और कुछ घरेलू उपायों को अपनाकर उन्हें दूर रखें।
घरेलू नुस्खे जो दूर रखते हैं सांपों को
बंद खिड़कियां और सावधानी है जरूरी
अगर आपका घर खेतों, बाग-बगीचों या जंगल के पास है, तो खिड़कियां और दरवाजे बंद रखें। बंद कमरों की सफाई नियमित रूप से करें और साथ में टॉर्च जरूर रखें ताकि कोई छुपा सांप न छूटे।
अगर फिर भी सांप काट ले तो क्या करें?
सांप के काटने पर सबसे पहले प्रभावित जगह के थोड़ा ऊपर पट्टी बांध दें ताकि ज़हर शरीर में न फैले। लेकिन ध्यान रहे कि रक्त संचार पूरी तरह बंद न हो। तुरंत नजदीकी अस्पताल पहुंचे, झाड़-फूंक जैसे भ्रमित करने वाले तरीकों से बचें।
भारत के सांप और उनका व्यवहार
दुनिया के अधिकतर ज़हरीले सांप पानी के पास रहना पसंद करते हैं, लेकिन भारत के सांप गर्म और सूखे इलाकों में रहते हैं। इन्हें उनके रंग और व्यवहार से पहचाना जा सकता है। इसलिए देश के हिसाब से सावधानी बरतनी और उपाय अपनाना जरूरी है।