ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा का आगमन और विदाई एक विशेष वाहन में होती है, जिसका हर वाहन का अलग-अलग ज्योतिषीय महत्व है। यह वाहन देवी के आगमन के दिन और उनकी विदाई के दिन के अनुसार निर्धारित होता है, और यह हमें जीवन, प्रकृति, और समाज पर पड़ने वाले प्रभावों के बारे में कई संकेत देता है। प्रत्येक वर्ष मां दुर्गा के वाहन में बदलाव होता है, जो शुभ और अशुभ दोनों संकेत दे सकता है। इस वर्ष भी, चैत्र नवरात्रि के दौरान देवी दुर्गा का वाहन अलग होगा। यह परिवर्तन उस दिन के ज्योतिषीय प्रभावों के आधार पर तय किया जाता है।
विशेष रूप से, मां दुर्गा के आगमन के दिन उनका वाहन न केवल उनके आशीर्वाद की दिशा को दर्शाता है, बल्कि देश और समाज के लिए आने वाले समय में किस प्रकार के संकेत या बदलाव हो सकते हैं, इसका भी अनुमान प्रदान करता है।
2025 में चैत्र नवरात्रि की तारीखें
लोकल 18 से बात करते हुए पंडित कल्कि राम ने बताया कि, चैत्र माह की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 29 मार्च को शाम 4:27 पर होगी और इसका समापन 30 मार्च को दोपहर 12:49 बजे होगा। इस दिन के अनुसार, नवरात्रि की शुरुआत 30 मार्च से होगी और इसका समापन 7 अप्रैल को होगा।
मां दुर्गा के आगमन के वाहन
हिंदू धार्मिक मान्यता के अनुसार, मां दुर्गा के आगमन और विदाई का वाहन विशेष महत्व रखता है। यह वाहन देश, प्रकृति, फसल और मानव जीवन पर अच्छे और बुरे प्रभाव को निर्धारित करता है।
इस बार मां दुर्गा हाथी की सवारी
इस साल नवरात्रि की शुरुआत रविवार, 30 मार्च को हो रही है, और इस दिन मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर धरती पर आएंगी। हाथी पर मां दुर्गा का आगमन एक शुभ संकेत माना जाता है, जिससे धन में वृद्धि और देश की अर्थव्यवस्था में सुधार की उम्मीद जताई जाती है।
हाथी पर सवार होकर मां दुर्गा का आगमन
मां दुर्गा के हाथी पर सवार होकर आने से कई शुभ संकेत मिलते हैं, जिनमें प्राकृतिक आपदाओं से मुक्ति, फसल में वृद्धि और आम जनता पर मां का आशीर्वाद बने रहने की संभावना जताई जाती है। यह समय देश और समाज के लिए बहुत ही शुभ और लाभकारी माना जाता है।