Ekadashi Vrat in March 2025: हिंदू धर्म में एकादशी व्रत को काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। यह भगवान विष्णु को समर्पित है। इसे आंवले के पेड़ का पूजा करके मनाया जाता है। आंवले के फल को पवित्र माना जाता है। एकादशी का यह व्रत महीने में दो बार किया जाता है। महत्वपूर्ण एकादशी व्रत आमलकी और पापमोचनी मार्च 2025 में मनाए जाएंगे। हिंदू धर्म में एकादशी व्रत एक पवित्र उपवास दिवस के रूप में बहुत महत्व रखता है।
माना जाता है कि यह व्रत मन, शरीर और आत्मा को शुद्ध करता है। साथ ही यह आध्यात्मिक विकास, शांति और मुक्ति प्रदान करता है। यह पवित्र व्रत हिंदू आध्यात्मिक अभ्यास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह एकादशी विशेष महत्व रखती है क्योंकि यह महाशिवरात्रि और होली के बीच होती है। इसे आमतौर पर फरवरी या मार्च में मनाया जाता है।
एकादशी व्रत के दिन लोग विधि-विधान से भगवान विष्णु और धन की देवी का लक्ष्मी की पूजा करते हैं। कहा जाता है कि इस दिन व्रत करने से व्यक्ति को जीवन के सभी पापों से मुक्ति मिलती है। साथ ही सभी मनोकानाए भी पूरी होती है। इस दिन भक्त सूर्योदय से सूर्योदय तक सख्त उपवास रखते हैं। इस दौरान सभी अनाज और फलियों से परहेज करते हैं।
हिंदू पंचांग के अनुसार, इस महीने पहली एकादशी यानी आमलकी एकादशी (Amalaki Ekadashi vrat) 9 मार्च को सुबह 7 बजकर 45 मिनट पर शुरू होगी। जबकि 10 मार्च को सुबह 7 बजकर 44 मिनट पर समाप्त होगी। जबकि उदया तिथि के अनुसार, आमलकी एकादशी यानी आंवला एकादशी (Amla Ekadashi) का व्रत 10 मार्च सोमवार को रखा जाएगा। आमलकी एकादशी के व्रत के बाद पारण का टाइम 11 मार्च, मंगलवार सुबह 6 बजकर 35 मिनट से 8 बजकर 13 मिनट के बीच है। 11 मार्च को द्वादशी तिथि का समापन सुबह 8 बजकर 13 मिनट पर है।
आमलकी एकादशी का पालन भक्ति के साथ करने से भक्त भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त हैं। वहीं, हिंदू पंचांग के अनुसार, मार्च महीने की दूसरी एकादशी यानी पापामोचिनी एकादशी व्रत (Papmochani Ekadashi vrat) की शुरुआत 25 मार्च को 5 बजकर 5 मिनट पर शुरु होगी। जबकि इसका समापन 26 मार्च को तड़के 3 बजकर 45 मिनट पर होगा। उदयातिथि के अनुसार, पापमोचिनी एकादशी का व्रत 25 मार्च को रखा जाएगा।
- एकादशी के दिन व्रत रखकर भगवान विष्णु की पूजा अर्चना की जाती है। आम तौर पर गृहस्थ को एकादशी के पहले दिन व्रत रखना चाहिए।
- सन्यासियों (त्यागियों), विधवाओं और मोक्ष (मुक्ति) चाहने वालों के लिए वैकल्पिक एकादशी उपवास (दूसरे दिन) रखने की सलाह दी जाती है।
- भगवान विष्णु का आशीर्वाद पाने के लिए समर्पित भक्तों के लिए दोनों दिन उपवास करने का सुझाव दिया जाता है।
- यह व्रत करने से मन और शरीर की शुद्धि होती है।
- यह अच्छा स्वास्थ्य और दीर्घायु प्रदान करता है।
- परिवार में समृद्धि और खुशियां लाता है।
- जन्म और मृत्यु के चक्र से मुक्ति प्रदान करता है।
- इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करें और उन्हें भोग लगाएं।
- आंवले के पेड़ की पूजा करें। आंवले के पेड़ को जल चढ़ाएं और प्रार्थना करें।
- मंत्रों का जाप करें। खासकर भगवान विष्णु को समर्पित मंत्रों का पाठ करें।
- व्रत वाले दिन जरूरतमंदों को दान दें।