कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि के दिन लक्ष्मी पंचमी मनाई जाती है। लक्ष्मी पंचमी को लाभ पंचमी के नाम से भी जाना जाता है। लक्ष्मी पंचमी के दिन मां लक्ष्मी की विधि-विधान से पूजा की जाती है। साथ ही, इस दिन लक्ष्मी स्तोत्र का पाठ करना भी बहुत शुभ माना जाता है। इसे "सौभाग्य पंचमी" या "ज्ञान पंचम" भी कहा जाता है। यह दिवाली के औपचारिक समापन का प्रतीक है। इस बार लक्ष्मी पंचमी 6 नवंबर 2024 बुधवार को है। लाभ पंचमी का दिन किसी भी नए कार्य के लिए शुभ होता है।
लक्ष्मी पंचमी के दिन भगवान शिव, गणेश और लक्ष्मी की पूजा करने से परिवार में सुख-शांति, समृद्धि और व्यवसाय में उन्नति होती है। सुख, समृद्धि और मंगलकामना के लिए सौभाग्य पंचमी का व्रत करें। चाहे बिजनेस बढ़ाना हो, नया काम शुरू करना हो या बाजार से खरीदारी करनी हो, यह दिन 24 घंटे शुभ रहता है। यह दिन शुभ कार्यों के लिए विशेष दिन है। आइए जानते हैं शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में।
लक्ष्मी पूजन 2024: शुभ मुहूर्त
कार्तिक महीने की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि की शुरुआत 06 नवंबर को रात 12.16 बजे से शुरू हो रही है। इस तिथि का समापन 07 नवंबर को रात 12.41 बजे है। इस तरह से लाभ पंचमी या लक्ष्मी पंचमी बुधवार, 06 नवंबर को मनाई जाएगी। इस दौरान पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 06.37 बजे से सुबह 10.15 बजे तक रहेगा। लक्ष्मी पंचमी के दिन मां लक्ष्मी की पूजा से उनका घर में निवास होता है। पैसों की तंगी, अधिक खर्च, कर्ज, अटका हुआ पैसा जैसी आर्थिक परेशानियां भी दूर हो जाती हैं। धन की कमी भी दूर होती है।
1 - लक्ष्मी पंचमी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और सूर्य देव को जल अर्पित करें।
2 - शुभ मुहूर्त में भगवान गणेश, शिव जी और देवी लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करें। पूजा में मिठाई और फल आदि अर्पित करें।
3 - गणेश जी को चंदन, सिंदूर, फूल और दूर्वा अर्पित करें।
4 - भगवान शिव को बिल्व पत्र, धतूरे के फूल और सफेद वस्त्र अर्पित करें।
5 - लक्ष्मी जी को हलवा और पूड़ी का भोग लगाएं।
6 – आखिरी में आरती करें और मां लक्ष्मी से समृद्धि और सफलता के लिए प्रार्थना करें।
लक्ष्मी पंचमी के दिन चावल का दान करने से बचें
चावल को समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। वैसे तो चावल दान किया जा सकता है, लेकिन लक्ष्मी पंचमी के दिन चावल का दान करने से बचना चाहिए। इससे आर्थिक समस्याएं आ सकीत हैं। इसके साथ ही शुक्रदोष का भी सामना करना पड़ सकता है। लक्ष्मी पंचमी के दिन चावल की खीर बनाएं और माता लक्ष्मी को भोग लगाएं। इससे माता लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है।
लक्ष्मी पंचमी के दिन न करें तेल का दान
लक्ष्मी पंचमी के दिन तेल का दान भी नहीं तरना चाहिए। इससे आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ सकता है। यह सेहत के लिए भी नुकसान दायक है। ऐसा कहा जाता है कि कार्तिक माह में सरसो तेल में माता लक्ष्मी का वास होता है। इसका दान करने से व्यक्ति को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।