मां लक्ष्मी को धन लक्ष्मी, वरलक्ष्मी, महालक्ष्मी जैसे कई नामों से पुकारा जाता है। इन्हें चंचला भी कहा जाता है। इसकी वजह ये है कि यह एक स्थान पर ज्यादा देर तक नहीं ठहरती हैं। मां लक्ष्मी को धन की देवी माना जाता है। इसलिए इनकी पूजा करने से वैभव, धन-ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है। कहा जाता है कि जिस व्यक्ति के ऊपर मां लक्ष्मी की कृपा होती है। उसे कभी भी पैसों की किल्लत या फिर भौतिक सुखों की कमी नहीं रहती है। इसी कारण हर कोई मां लक्ष्मी को खुश करने के लिए कई उपाय करते हैं। ज्योतिष शास्त्र में ऐसे कुछ उपायों के बारे में बताया गया है जिन्हें करने से मां लक्ष्मी जल्द प्रसन्न हो जाती हैं।
जिस भक्त पर मां लक्ष्मी की कृपा हो या जिस घर में वे विराजित हों। उस घर के लिए सुख-समृद्धि के द्वार खुल जाते हैं। इसके चलते भक्त इन कोशिशों में लगे रहते हैं कि किसी ना किसी तरह मां लक्ष्मी को खुश कर दें। यूं तो हफ्ते के पांचवे दिन यानी शुक्रवार के दिन को देवी लक्ष्मी जी के लिए समर्पित है। इस दिन उनकी विशेष पूजा-अर्चना की जाती है।
मां लक्ष्मी को कैसे करें खुश?
मां लक्ष्मी को खुश करने के लिए उनकी पूजा के दौरान लक्ष्मी मंत्रों का जाप किया जा सकता है। लक्ष्मी बीज मंत्र ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्मीभयो नमः॥, लक्ष्मी गायत्री मंत्र ॐ श्री महालक्ष्म्यै च विद्महे विष्णु पत्न्यै च धीमहि तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात् ॐ॥ और महालक्ष्मी मंत्र ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्मयै नम:॥ पढ़े जा सकते हैं।
शास्त्रों में गाय को पूजनीय माना गया है। रोजाना गाय को ताजी रोटी खिलाने और उसकी सेवा करने से मां लक्ष्मी बहुत प्रसन्न होती हैं। इतना ही नहीं गाय की पूजा से 36 करोड़ देवी देवताओं का आशीर्वाद मिलता है।
जिस घर में तुलसी हो वहां देवी लक्ष्मी वास करती हैं। शाम को तुलसी के पौधे के पास घी का दीपक जलाने से मां लक्ष्मी साधक पर मेहरबान होती हैं। उसके जीवन में धन का आगमन होता है।
शाम को सूर्यास्त के समय को गोधूलि बेला कहा जाता है। गोधूलि का अर्थ होता है गाय के पैरों से उठने वाली धूल। शाम के समय ही गाय चारा चरकर घर की ओर आती है। इसलिए इसे गोधूलि बेला कहते हैं। इस समय मां लक्ष्मी की पूजा करना शुभ होता है।