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Mahakumbh 2025: संत योगानंद गिरी के आगे वैज्ञानिक भी फेल! धर्म और विज्ञान पर कर चुके हैं शोध

Prayagraj Mahakumbh 2025: आस्था की नगरी प्रयागराज में महाकुंभ में सबसे खास आकर्षण अखाड़ों की धर्म ध्वजाएं हैं। धर्मध्वजाएं अखाड़ों की आन, बान और शान का प्रतीक मानी जाती हैं। इसबीच बनारस हिंदू विश्व विद्यालय से विज्ञान और धर्म पर पीएचडी कर चुके संत योगानंद महाराज के दर्शन के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी है। पढ़ाई के बाद वो भक्ति मार्ग की ओर मुड़ गए

MoneyControl Newsअपडेटेड Jan 13, 2025 पर 1:30 PM
Mahakumbh 2025: संत योगानंद गिरी के आगे वैज्ञानिक भी फेल! धर्म और विज्ञान पर कर चुके हैं शोध
Prayagraj Mahakumbh 2025: महाकुंभ मेला 45 दिनों तक चलेगा। यह 26 फरवरी को खत्म हो जाएगा।

महाकुंभ मेला भारत में सबसे बड़ा धार्मिक समागम है। इसमें देश विदेश से करोड़ों लोग शामिल होते हैं। साल 2025 में महाकुंभ मेला प्रयागराज में शुरू हो चुका है। महाकुंभ मेला हर 12 साल में एक बार आयोजित किया जाता है। इस बार भी महाकुंभ मेले में साधु संतों के दर्शन के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ रही है। कई साधु संत अपनी सिद्धि से अलग पहचान बनाए हुए हैं। इसबीच एक ऐसे संत आकर्षण का केंद बन चुके हैं, जिनके दर्शन के लिए हर कोई व्याकुल है। संत डॉ. योगानदं महाराज महाकुंभ मेले में आए हैं। उन्होंने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से धर्म और विज्ञान में पीएचडी की है।

संत योगानंद गिरी मौजूदा समय में श्री पंचदस नाम जूना अखाड़ा के सदस्य हैं। उन्होंने अपने शोध के दौरान यह सिद्ध किया कि धर्म और विज्ञान एक-दूसरे के पूरक हैं। उनका मानना है कि “धर्म के बिना विज्ञान और विज्ञान के बिना धर्म अधूरा है।” इसके अलावा उन्होंने धर्म विज्ञान में परास्नातक (एमए) की डिग्री भी हासिल की है।

सनातन धर्म के लोग पहले से ही वैज्ञानिक हैं – संत योगानंद महाराज

महाकुंभ मेले मेले में संत डॉक्टर योगानंद गिरी ने लोकल 18 से बातचीत करते हुए कहा कि सनातन धर्म दुनिया का ऐसा धर्म है। जिसमें पहले से ही धर्म और विज्ञान एक साथ शामिल है। आदिकाल से ही पीपल की पूजा और अन्य वृक्षों की पूजा सनातन धर्म में होती है। वहीं विज्ञान मानता है कि पीपल के वृक्ष से निकलने वाला ऑक्सीजन काफी फायदेमंद होता है। इसके अलावा सनातन धर्म में घर के आगे तुलसी का पौधा लगाने की परंपरा है। विज्ञान इसको कहता है कि तुलसी का पौधा सबसे ज्यादा ऑक्सीजन देता है। इसको घर के आगे लगाने से घर वालों को उचित ऑक्सीजन मिलता रहती है। योगानंद गिरि ने आगे कहा कि विज्ञान से पहले यह सब सनातन धर्म की देन है।

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