Ramzan Special: इफ्तार में खजूर खाने के पीछे की वजहें, जो हर रोजेदार को जाननी चाहिए

Ramzan Special: रमजान में इफ्तार के समय खजूर खाना सुन्नत माना जाता है, क्योंकि पैगंबर हजरत मुहम्मद इसे रोजा खोलने के लिए इस्तेमाल करते थे। यह धार्मिक परंपरा होने के साथ-साथ सेहत के लिए भी फायदेमंद है, क्योंकि खजूर तुरंत ऊर्जा देता है, पाचन सुधारता है और कमजोरी दूर करता है। कुरआन में भी खजूर का कई बार उल्लेख किया गया है

अपडेटेड Mar 02, 2025 पर 9:53 AM
Story continues below Advertisement
Ramzan Special: क्यों होती है इफ्तार की शुरुआत इसी फल से?

रमजान इस्लाम धर्म में सबसे पवित्र और आध्यात्मिक रूप से महत्वपूर्ण महीना माना जाता है, जिसमें रोजेदार सुबह से लेकर सूर्यास्त तक उपवास रखते हैं। इफ्तार के समय रोजा खोलने की परंपरा खास महत्व रखती है, और ज्यादातर मुसलमान खजूर के साथ रोजा खोलते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि रोजा खोलने के लिए खजूर को ही क्यों चुना गया? इसके पीछे न केवल धार्मिक बल्कि वैज्ञानिक कारण भी हैं। पैगंबर हजरत मुहम्मद ने खजूर से इफ्तार करने की परंपरा शुरू की थी, जिसे सुन्नत माना जाता है। साथ ही, खजूर सेहत के लिए भी फायदेमंद होता है—ये तुरंत ऊर्जा प्रदान करता है, पाचन को दुरुस्त करता है और दिनभर की थकान दूर करने में मदद करता है।

कुरआन में भी खजूर का कई बार उल्लेख किया गया है, जिससे इसकी अहमियत और बढ़ जाती है। यही वजह है कि रमजान में इफ्तार के समय खजूर को प्राथमिकता दी जाती है।

खजूर से ही रोजा खोलने की परंपरा क्यों?


पैगंबर हजरत मुहम्मद को खजूर बेहद प्रिय थे और वे हमेशा खजूर से ही रोजा खोलते थे। इस कारण से, ये इस्लाम में सुन्नत मानी जाती है। सुन्नत का अर्थ होता है पैगंबर की परंपराओं का मानना, जिसे करना जरूरी नहीं है, लेकिन इसे करने से अधिक पुण्य मिलता है। पैगंबर द्वारा अपनाई गई ये परंपरा सदियों से चली आ रही है और आज भी मुसलमान इसे पूरी श्रद्धा के साथ निभाते हैं।

कितने खजूर खाना चाहिए?

बहुत से मुसलमान तीन खजूर खाकर इफ्तार करते हैं, ठीक वैसे ही जैसे पैगंबर हजरत मुहम्मद किया करते थे। इस्लामी ग्रंथों में भी इसका जिक्र मिलता है कि पैगंबर नमाज से पहले पके हुए खजूर खाकर रोजा खोलते थे। सही अल-बुखारी हदीस के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति सुबह सात अजवा खजूर खाता है, तो उसे उस दिन किसी भी प्रकार के जहर या बुरी ऊर्जा से नुकसान नहीं होगा।

क्या खजूर से ही रोजा खोलना अनिवार्य है?

खजूर से रोजा खोलना अनिवार्य नहीं है, लेकिन इसे अत्यधिक शुभ और लाभकारी माना जाता है। अगर खजूर उपलब्ध नहीं है, तो पानी से रोजा खोलना भी सही माना जाता है। लेकिन खजूर को प्राथमिकता देने का धार्मिक और वैज्ञानिक दोनों आधार हैं।

 खजूर क्यों है सबसे बेहतर विकल्प?

तुरंत ऊर्जा प्रदान करता है – पूरे दिन उपवास के बाद शरीर ऊर्जा की कमी महसूस करता है। खजूर प्राकृतिक शर्करा से भरपूर होता है, जिससे शरीर को तुरंत ऊर्जा मिलती है।

पाचन के लिए बेहतर – खाली पेट पर खजूर खाने से पाचन तंत्र सक्रिय हो जाता है और शरीर आसानी से भोजन को पचाने के लिए तैयार होता है।

सिर दर्द और थकान से राहत – लंबे समय तक भूखे रहने से सिर दर्द और थकान हो सकती है। खजूर में मौजूद पोषक तत्व शरीर को राहत देने का काम करते हैं।

दिल के लिए फायदेमंद – खजूर पोटैशियम और मैग्नीशियम से भरपूर होता है, जो दिल को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करता है।

खजूर का जिक्र कुरआन में क्यों महत्वपूर्ण है?

खजूर का इस्लाम में इतना अधिक महत्व है कि कुरआन में इसे 22 बार उल्लेखित किया गया है। खासतौर पर सूरह मरियम में इसका उल्लेख मिलता है, जहां मरियम (अ.स.) को पैगंबर ईसा (अ.स.) के जन्म से पहले खजूर खाने की सलाह दी गई थी। इसके अलावा, सूरह अल-रहमान, सूरह अबसा और सूरह अल-मोमिनुन जैसी कई अन्य सूरह में भी खजूर का उल्लेख किया गया है, जो इसे एक अत्यंत महत्वपूर्ण फल बनाता है।

Ramadan 2025: आसमान में आज नहीं हुआ चांद का दीदार, भारत में 2 मार्च को रखा जाएगा रमजान का पहला रोजा

MoneyControl News

MoneyControl News

First Published: Mar 02, 2025 9:53 AM

हिंदी में शेयर बाजार स्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।