Ramadan 2025: मुस्लिम समुदाय के लिए पाक और इबादत का महीना रमजान 2 मार्च से शुरू होगा है। क्योंकि आज आसमान में चांद नहीं दिखा है। मरकजी चांद कमेटी के अध्यक्ष और लखनऊ के शाही इमाम मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने घोषणा की कि रमजान का चांद आज, 29 शाबान 1446 हिजरी को नहीं देखा गया जो 28 फरवरी 2025 को था। इसलिए, रमजान का पहला दिन 2 मार्च 2025 को मनाया जाएगा। शाही इमाम शाबान बुखारी ने घोषणा की कि पहला रोजा (उपवास) रविवार, 2 मार्च को रखा जाएगा। वहीं सऊदी अरब में चांद दिखाई दिया है, इसलिए वहां कल से रमजान की शुरुआत होगी।
रमजान के पवित्र महीने में रोजा रखने से पहले सहरी और रोजा खोलने के लिए इफ्तार की प्रक्रिया होती है। सहरी का समय सुबह होने से पहले खत्म हो जाता है यानी सहरी सुर्योदय से पहले किया जाता है। वहीं इफ्तार का समय सूर्यास्त के बाद होता है। इस तरह से रमजान में पूरे महीने रोजेदार सुर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक रोजा रखते हैं। इस्लाम धर्म के अनुसार 30 दिनों के रोजा में पहले 10 दिनों का रोजा रहमत का, अगले 10 दिनों का रोजा बरकत का और अंतिम 10 दिनों का रोजा मगफिरत का रोजा कहलाता है।
रमजान के महीने नहीं करना चाहिए ये काम
मौलाना के मुताबिक, रमजान के महीने में बुराइयों से बचना चाहिए और हर दिन पांच वक्त की नमाज पढ़नी चाहिए। किसी की बुराई या शिकायत करने से बचें। यह अल्लाह का खास महीना होता है जब कुरआन नाजिल हुआ था। रमजान में रोजा रखना फर्ज है और हर फर्ज नमाज का सवाब 70 गुना बढ़ जाता है। तरावीह की नमाज की भी खास अहमियत होती है। सेहतमंद लोगों के लिए रोजा रखना जरूरी है।