5g सर्विसेज लॉन्च को लेकर क्या है Adani Group का प्लान? अब सरकार ने भी पूछे सवाल, लेकिन कंपनी की ये है योजना

Adani Group's 5G Services: करीब दो साल पहले की 5जी स्पेक्ट्रम नीलामी में अदाणी ग्रुप ने भी स्पेक्ट्रम हासिल किए थे। हालांकि अभी तक इसने कॉमर्शियल सर्विसेज लॉन्च नहीं की तो डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकॉम ने अदाणी ग्रुप से सवाल पूछ लिया कि उनकी योजना क्या है। जानिए कि अदाणी ग्रुप ने अभी तक सर्विसेज लॉन्च क्यों नहीं की और इसमें देरी पर अदाणी ग्रुप को कितना नुकसान है?

अपडेटेड Jan 14, 2025 पर 2:18 PM
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Adani Group's 5G Services: अदाणी ग्रुप को देश में 5जी सर्विसेज के लिए करीब दो साल पहले ही लाइसेंस मिल चुका है लेकिन इसने अभी तक सर्विसेज देनी शुरू नहीं की है। (File Photo- Pexels)

Adani Group's 5G Services: अदाणी ग्रुप को देश में 5जी सर्विसेज के लिए करीब दो साल पहले ही लाइसेंस मिल चुका है लेकिन इसने अभी तक सर्विसेज देनी शुरू नहीं की है। अब इसे लेकर डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकॉम ने अदाणी ग्रुप से सवाल पूछ लिया कि उनकी योजना क्या है। यह जानकारी मनीकंट्रोल को सूत्रों के हवाले से मिली है। सूत्रों के मुताबिक अदाणी एंटरप्राइजेज की सब्सिडियरी अदाणी डेटा नेटवर्क्स को 5जी सर्विसेज लॉन्च करने के लिए मिनिमम रोलआउट ऑब्लिगेशंस (MRO) नहीं पूरा होने के चलते सरकार ने कई नोटिस भेजे हैं। ग्रुप ने यह नहीं बताया कि इसकी 5जी सर्विसेज कब तक लॉन्च होगी।

क्या होगा स्पेक्ट्रम का?

वर्ष 2022 की 5जी स्पेक्ट्रम नीलामी में अदाणी ग्रुप ने 212 करोड़ रुपये में 26 गीगाहर्ट्ज बैंड के 400 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम हासिल किए थे। इसमें गुजरात और मुंबई में 100 MHz, और आंध्र प्रदेश, राजस्थान, कर्नाटक और तमिलनाडु में 50-50 MHz शामिल है। अब सूत्रों के मुताबिक ग्रुप की योजना इसे सरेंडर करने की है। ऐसा होता है तो अदाणी ग्रुप की 5जी सर्विसेज लाने की योजना ठंडे बस्ते में चली जाएगी। सूत्र ने कहा कि कंपनी ने अभी औपचारिक तौर पर स्पेक्ट्रम लौटाने के फैसले के बारे में नहीं बताया लेकिन टेलीकॉम डिपार्टमेंट के अधिकारियों को यह जानकारी जरूर दी है कि पोर्ट्स, एयरपोर्ट्स, पावर जेनेरेशन और लॉजिस्टिक्स के लिए कैप्टिव प्राइवेट नेटवर्क लगाना कॉमर्शियल तौर पर सही नहीं दिख रहा है।


सर्विसेज नहीं शुरू करने पर चुका रही जुर्माना

नीलामी नियमों के मुताबिक 26 GHz बैंड का इस्तेमाल करने वाले ऑपरेटरों को एक वर्ष के भीतर अपने लाइसेंस प्राप्त सेवा क्षेत्र में कॉमर्शियल सर्विसेज लॉन्च करनी होती हैं। इसे लेकर जो न्यूनतम शर्तें पूरी करने का प्रावधान है, उसे नहीं करने पर जुर्माना लगता है। यह जुर्माना पहले 13 सप्ताह के लिए प्रति सप्ताह 1 लाख रुपये से शुरू होता है, जोकि फिर अगले 13 सप्ताह के लिए प्रति सप्ताह 2 लाख रुपये तक बढ़ता है, इसके साथ एक शो-कॉज नोटिस दिया जाता है। सूत्रों रे मुताबिक अदाणी ग्रुप स्पेक्ट्रम के बकाए और रोलआउट की जरूरतों का पालन नहीं करने से जुड़े जुर्माने को चुका दिया है। अब चूंकि अदाणी ग्रुप स्पेक्ट्रम वापस करने की योजना बना रहा है लेकिन इसे लेकर एक नियम यह भी है कि 10 साल के बाद ही इसे सरेंडर किया जा सकता है। स्पेक्ट्रम की ट्रेडिंग दो साल के बाद जरूर शुरू की जा सकती है। सूत्र के मुताबिक फिलहाल सरकार की योजना अदाणी ग्रुप के लाइसेंस को रद्द करने की नहीं है।

5G रोलआउट प्रतिबद्धताओं के तहत टेलीकॉम ऑपरेटरों को मेट्रो और गैर-मेट्रो सर्कल में कॉमर्शियल सर्विसेज लॉन्च करनी होती हैं। इसके तहत सिर्फ एक मेट्रो क्षेत्र या एक गैर-मेट्रो सर्कल के किसी एक शहर में सर्विसेज देकर भी यह शर्त पूरी हो सकती है। ऐसे में अदाणी डेटा नेटवर्क्स इन प्रतिबद्धताओं को एक स्थान पर ब्रॉडबैंड सेवाएं शुरू करके या अपने किसी एक बंदरगाह को डेटा नेटवर्क से जोड़कर पूरा कर सकती है। भारत में टेलीकॉम कंपनियां 26 GHz बैंड का उपयोग फिक्स्ड वायरलेस एक्सेस (FWA) के लिए कर रही हैं, लेकिन अदाणी के पास जो स्पेक्ट्रम है, वह बड़े पैमाने पर FWA तैनाती के लिए अपर्याप्त है।

 

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First Published: Jan 14, 2025 2:18 PM

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