स्मार्टफोन बनाने वाली कंपनी Apple भारत में अपने iPhone प्रोडक्शन को साल 2025 तक 18 फीसदी तक बढ़ा सकती है। बैंक ऑफ अमेरिका की एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। रिपोर्ट के अनुसार मोबाइल फोन के लिए केंद्र सरकार की प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) स्कीम कंपनियों को भारत में प्रोडक्शन बढ़ाने के लिए प्रेरित कर रही है। इसके चलते Apple साल 2025 तक अपने कुल ग्लोबल प्रोडक्शन में से 18 फीसदी iPhone का उत्पादन भारत में कर सकती है।
रिपोर्ट में और क्या कहा गया है?
रिपोर्ट में कहा गया है कि आईफोन मैन्युफैक्चरिंग में भारत की हिस्सेदारी और भी बढ़ सकती है अगर इसके वेंडर्स यहां एक्सपैंड करें। रिपोर्ट के मुताबिक, "अगर एपल अपने बड़े वेंडर्स को भारत में भी एक्सपैंड करने के लिए प्रोत्साहित करता है तो ऐपल की हिस्सेदारी और बढ़ सकती है। Apple भारत में तैयार iPhones की अफोर्डिबिलिटी में सुधार और प्रीमियम प्रोडक्ट्स में बदलाव करके भारत के मोबाइल फोन बाजार में शेयर लाभ (अब 4 प्रतिशत) को बढ़ा सकता है।"
पीएलआई स्कीम से मिल रहा बूस्ट
FY23 में ग्लोबल iPhone प्रोडक्शन में भारत की हिस्सेदारी 7 फीसदी है। पीएलआई स्कीम को पहली बार 6 अक्टूबर 2020 को लॉन्च किए जाने से पहले भारत में iPhone का प्रोडक्शन नहीं होता था। उसी साल केंद्र ने फॉक्सकॉन होन हाई, विस्ट्रॉन और पेगाट्रॉन को मंजूरी दे दी। ये सभी भारत में Apple के कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरर हैं।
Apple के वर्तमान में चीन में 151 की तुलना में भारत में 14 वेंडर हैं। इनमें से ज्यादातर वेंडर दक्षिणी भारत में स्थित हैं। रिपोर्ट से पता चला है कि पीएलआई स्कीम के दो साल के भीतर FY23 में भारत से आईफोन का निर्यात बढ़कर 40,000 करोड़ रुपये हो गया है। FY22 में यह 11,000 करोड़ रुपये था। इसमें और तेजी आने की उम्मीद है क्योंकि इस साल फरवरी से यह पहले ही मासिक निर्यात के 1 अरब डॉलर के रन-रेट पर पहुंच चुका है।