Dhanteras 2025: धनतेरस के मौके पर इस साल भारतीय बाजारों में जबरदस्त रौनक देखने को मिली। शुरुआती अनुमानों के मुताबिक, देशभर में लोगों ने लगभग 1 लाख करोड़ रुपये की खरीदारी की, जिसमें सबसे बड़ा योगदान सोना और चांदी की बिक्री का रहा। कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) के मुताबिक, अकेले बुलियन मार्केट यानी सर्राफा बाजार से लगभग 60,000 करोड़ रुपये की बिक्री हुई। यह पिछले साल की तुलना में 25% अधिक है।
सोने-चांदी की मांग में उछाल
सोने के दाम में इस साल लगभग 60% की उछाल देखने को मिली और इसका भाव बढ़कर 1.3 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम के पार पहुंच गया। हालांकि इसके बावजूद खरीदारों की भीड़ ने बाजारों को गुलजार रखा।
चांदी की कीमतें बढ़ीं, फिर भी जोश बरकरार
इस बार चांदी का भाव करीब 55% बढ़कर 1.8 लाख रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गए, जबकि पिछले साल यह लगभग 98,000 रुपये प्रति किलो थी। इसके बावजूद ग्राहकों ने बड़ी मात्रा में चांदी खरीदी। CAIT ने कहा कि ग्राहकोंमें कीमती धातुओं को सुरक्षित निवेश के रूप में खरीदने का ट्रेंड और मजबूत हुआ है।
दूसरे सेगमेंट में भी जबरदस्त बिक्री
CAIT की रिपोर्ट के मुताबिक, बर्तन और किचनवेयर की बिक्री लगभग ₹15,000 करोड़, इलेक्ट्रॉनिक और इलेक्ट्रिकल उत्पादों की बिक्री करीब ₹10,000 करोड़, और सजावटी व धार्मिक वस्तुओं की बिक्री लगभग ₹3,000 करोड़ रही। इन आंकड़ों से साफ है कि इस बार धनतेरस पर खरीदारी केवल सोना-चांदी तक सीमित नहीं रही, बल्कि हर क्षेत्र में उत्सव का असर दिखा।
‘मेड इन इंडिया’ उत्पादों को मिल रहा बढ़ावा
CAIT के महासचिव और बीजेपी सांसद प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि इस साल की मजबूत बिक्री का श्रेय GST दरों में कटौती और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘लोकल फॉर वोकल’ अभियान को भी जाता है। उन्होंने कहा, “ग्राहक अब भारतीय उत्पादों को प्राथमिकता दे रहे हैं, जिससे छोटे व्यापारियों, कारीगरों और निर्माताओं को सीधा फायदा मिल रहा है।”
CAIT ने बताया कि देशभर के पारंपरिक बाजारों, ज्वेलरी बाज़ारों और स्थानीय दुकानों में इस बार रिकॉर्ड ग्राहक भीड़ देखी गई, जो मॉडर्न मॉल्स और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स के बराबर रही।
बता दें कि कार्तिक मास की त्रयोदशी को धनतेरस मनाया जातै है। इसे दीवाली के पांच दिवसीय उत्सव की शुरुआत मानी जाती है। इस दिन सोना, चांदी, बर्तन और पूजन सामग्री खरीदना शुभ माना जाता है।
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