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Nykaa की CEO फाल्गुनी नायर ने उदय कोटक से सीखी ये दो बातें, कदम-कदम पर रखा इन दोनों सबक को याद

Nykaa की शुरुआत करने से पहले, फाल्गुनी नायर ने लगभग दो दशकों तक कोटक महिंद्रा ग्रुप में काम किया था

अपडेटेड Nov 12, 2021 पर 1:43 PM
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Nykaa की CEO फाल्गुनी नायर (File)

नायका (Nykaa) की शुरुआत करने से पहले, फाल्गुनी नायर (Falguni Nayar) भारत के लीडिंग इन्वेस्टमेंट बैंकरों में से एक थीं, जिन्होंने लगभग दो दशकों तक कोटक महिंद्रा ग्रुप (Kotak Mahindra Group) में काम किया। उन्होंने दो अहम सबक बैंकर उदय कोटक (Uday Kotak) से सीखे थे, जिनको ध्यान में रखते हुए ही उन्होंने अपने ब्यूटी और फैशन ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म को खड़ा किया।

यह पूछे जाने पर कि क्या उदय कोटक से उन्हें कोई सलाह मिली थी, इस पर नायर ने MoneyControl को बताया, "मैंने असल में उनसे नहीं पूछा, लेकिन कई सालों तक मैंने उनके लिए काम करते हुए, उन्हें देखते हुए, कुछ चीजें हैं, जो मैंने उनसे सीखी हैं। इसमें पहला यह कि कॉर्पोरेट गवर्नेंस महत्वपूर्ण बना हुआ है और दूसरा यह कि ऐसा कुछ भी न करें, जो आर्थिक रूप से टिकाऊ न हो।"

उन्होंने समझाया, "आपको उपभोक्ताओं को अपनी वेबसाइट पर खरीदारी करने के लिए गलत इंसेंटिव नहीं देना चाहिए, क्योंकि यह टिकाऊ नहीं है। एसी ही बहुत सी चीजें, मुझे विश्वास है कि मैंने उनसे सीखी हैं। मैं इसके बारे में मजाक करती थी कि अगर मैं कुछ गलत करती हूं, जैसे कि किसी भी लेवल पर फ्री शिपिंग, तो ऐसा कुछ उदय को मंजूर नहीं होगा। तो ऐसे कई सबक हैं, जो मेरे दिमाग में रहते हैं कि मैं कुछ करूंगी या नहीं।"


10 नवंबर, 2021 को शेयर बाजारों में नायर की ब्लॉकबस्टर लिस्टिंग हुई थी। उनकी कंपनी के शेयर 1,125 रुपए के इश्यू प्राइज़ के मुकाबले 79 प्रतिशत से ज्यादा के भारी प्रीमियम के साथ लिस्टेड हुए, जिससे उनकी कुल संपत्ति 6.5 बिलियन डॉलर हो गई।

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IIM अहमदाबाद से ग्रेजुएट नायर 2012 में एक अंत्रप्रन्योर बनीं। Nykaa भी भारत में पब्लिक मार्केट में एंट्री करने वाले सबसे अनूठे स्टार्टअप्स में से एक है, यह अकेला प्रोफिटेबल यूनिकॉर्न है और एक दुर्लभ नए जमाने की फर्म है, जहां इसके प्रमोटर ग्रुप अभी भी आधे से ज्यादा कंपनी का मालिक है।

उदय कोटक, एक अरबपति बैंकर, भारत की सबसे सम्मानित और मूल्यवान फर्मों में से एक, कोटक महिंद्रा बैंक (KMB) के कार्यकारी उपाध्यक्ष और मैनेजिंग डायरेक्टर हैं।

लेखक आर गोपालकृष्णन और तुलसी जयकुमार ने "How Uday Kotak Built a Valuable Indian Bank" किताब में बताई कि कैसे कोटक ने नायर को बरकरार रखा, जब वह छोड़ने और विदेश जाने के लिए तैयार थी, क्योंकि उनके पति को विदेश में नौकरी मिल गई थी।

किताब में उदय कोटक के हवाले से कहा गया, "हमने कोटक महिंद्रा फाइनेंस लिमिटेड (KMFL) में एक कंसल्टिंग डिविजन शुरू किया था। उनके (फाल्गुनी) हमारे साथ आने के एक साल बाद, उनके पति संजय नायर, जो सिटी बैंक में काम कर रहे थे, लंदन ट्रांसफर हो गए थे।"

इसमें आगे बताया, "एक आम भारतीय पत्नी की तरह, वह भी उनके साथ जाना चाहती थीं। तो, हमने देखा - हमने कहा, फाल्गुनी, अगर तुम लंदन जाओगी, तो हम लंदन ऑफिस शुरू करेंगे। हम इक्विटी और GDR में सेल्स और ट्रेडिंग करना चाहते हैं। आप इसे सेट अप क्यों नहीं करतीं?"

उन्होंने बताया, 'इसलिए, फाल्गुनी ने हमारा लंदन ऑफिस शुरू किया। फाल्गुनी की वजह से कोटक महिंद्रा (UK) शुरू हुआ। दो साल बाद संजय का तबादला न्यूयॉर्क कर दिया गया। हमने कहा, बढ़िया! फाल्गुनी ने न्यूयॉर्क की स्थापना की: तब तक हम गोल्डमैन के साथ एक जॉइंट वेंचर स्थापित कर चुके थे। मैंने उन्हें Goldman Sachs ऑफिस में 6 महीने तक काम करने के लिए कहा।'

'फिर हमने न्यूयॉर्क में अपना अलग ऑफिस स्थापित किया। जब संजय सिटी बैंक के कंट्री हेड के रूप में भारत लौटे, तो हम फाल्गुनी को भारत में अपने इक्विटी बिजनेस हेड के रूप में वापस लाए। वह KMB की सहायक कंपनी कोटक इन्वेस्टमेंट बैंकिंग की हेड थीं।'

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