विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) ने सोमवार को कैश और ऑप्शन सेगमेंट में भारी खरीदारी की, जबकि बेंचमार्क इंडेक्स सुस्त कारोबारी सत्र में सपाट बंद हुए। बजट से एक दिन पहले, इंडेक्स फ्यूचर्स के लिए एफआईआई का बेट लांग-शॉर्ट रेशियो अब 77 फीसदी से थोड़ा ज्यादा है। जबकि सोमवार को उन्होंने 1,274.1 करोड़ रुपये मूल्य के 20,096 इंडेक्स फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट बेचे थे। यह चुनाव के नतीजों से ठीक पहले वाले दिन से अलग है। उस दिन एफआईआई ने अपने अब तक के सबसे ज़्यादा नेट इंडेक्स शॉर्ट पोजीशन बनाए थे। जुलाई में अब तक एफआईआई ने करीब 33,000 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे हैं, जबकि जून में उन्होंने 26,000 करोड़ रुपये से ज़्यादा की नेट खरीदारी की थी।
चुनाव नतीजों के बाद एफआईआई भारत के प्रति काफी उत्साहित नजर आ रहे है। इक्विटी और डेरिवेटिव दोनों सेगमेंट में उनके नए रुख से पता चलता है कि वे अपने तेजी के नजरिए पर कायम हैं।
नीचे दी गई तालिका में बजट घोषणा से एक दिन पहले 22 जुलाई को एफआईआई की स्थिति और पिछले महीने में एफआईआई की इंडेक्स फ्यूचर्स और स्टॉक फ्यूचर्स नेट पोजीशन दी गई है :
इसकी तुलना में, पिछले महीने में क्लाइंट नेट इंडेक्स पोजिशनिंग में काफी गिरावट आई है। नीचे दी गई तालिकाएं बजट घोषणा से एक दिन पहले 22 जुलाई को क्लाइंट पोजिशनिंग और पिछले महीने में क्लाइंट इंडेक्स फ्यूचर्स और स्टॉक फ्यूचर्स नेट पोजिशन दिखाती हैं:
ग्राहकों के पास 192,934 कॉन्ट्रैक्टस की नेट इंडेक्स शॉर्ट पोजीशन थी, जबकि स्टॉक फ्यूचर्स के मोर्चे पर, उनके पास 22 जुलाई को 1,774,865 नेट लॉन्ग पोजीशन थी।
कैश बाजार में एफआईआई ने 3,444.1 करोड़ रुपये की खरीदारी की। महीने-दर-महीने आधार पर एफआईआई ने 25,108.7 करोड़ रुपये की शुद्ध खरीदारी की है, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) ने 873.3 करोड़ रुपये की शुद्ध बिकवाली की है।
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